इस देश ने कर डाला ये बड़ा ऐलान, चीन के टुकडे़ होना शुरू…

साई इंग वेन ने कहा कि हमें न तो चीन का शासन मंजूर है और न ही चीन की कम्युनिस्ट सरकार का दिया हुआ स्वायत्त शासन। हम आजाद राष्ट्र हैं।

 

हां, अगर चीन ताईवान के साथ सहअस्तित्व के अवधारणा को स्वीकार करता है तो उससे बात हो सकती है। कहा यह जा रहा है कि चीन के टूटने की शुरूआत हो चुकी है। आज ताईवान ने ऐलान किया है, कल कोई दूसरा राज्य ऐसी ही घोषणा कर सकता है।

अपने दूसरे कार्यकाल के शपथ ग्रहण करने के बाद साई इंग वेन ने कहा कि ताईवान और चीन के रिश्ते अब ऐतिहासिक मोड़ पर पहुंच गये हैं।

साई इंग वेन ने कहा कि दोनों देशों को सह अस्तित्व के सिद्धांतों के अनुरूप दूरगामी रिश्ते बनाने के लिए सोचना होगा। इसी के साथ परस्पर दुश्मनी और मतभेदों को भी दूर करना होगा।

ध्यान रहे साई इंग वेन और उनकी डेमोक्रेटिक पार्टी ने जनवरी में हुए संसदीय चुनावों में भारी बहुमत से जीत हासिल की थी। साई इंग वेन ने मतदाताओं से वादा किया था .

चीन के उस दावे की हवा निकाल देंगी जिसमें चीन की कम्युनिस्ट पार्टी ने कहा था कि ताईवान में नियंत्रण कायम रखने के लिए बल प्रयोग भी किया जा सकता है।

साई ने अपनी बात को दोहराते हुए कहा कि हम शांति, समानता, लोकतंत्र और संवाद चाहते हैं। हम बीजिंग के शासन को नहीं स्वीकार करेंगे। एक देश में दो शासन व्यवस्था नहीं चल सकतीं। दुनिया की कोई भी ताकत ताईवान की प्रतिष्ठा को कम करके नहीं आंक सकता।

दुनिया भर को अपनी शतरंजी चालों में फंसाने वाला चीन अब अपने ही बने जाल में फंसता नजर आ रहा है। एक तरफ चीन पर कोरोना वायरस की स्वतंत्र जांच की तलवार लटकी हुई है.

तो दूसरी और सीपेक प्रोजेक्ट में 630 मिलियन डॉलर का बड़ा नुकसान हुआ है तो अफ्रीकी देशों ने बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव के समझौतों को रद्द करना शुरू कर दिया है।

अब जो सबसे बड़ा झटका लगा है वो ताईवान है। ताईवान ने चीनी शासन से आजादी का ऐलान कर दिया है। ताईवान की राष्ट्रपति साई इन वेन ने कहा है कि ताईवान अब संप्रभु राष्ट्र है। वो चीन के अधीन नहीं है। ताईवान अपने ऊपर चीन की संप्रभुता के दावे को स्वीकार नहीं करता है।