इस देश ने की पाकिस्तान की घेराबंदी , चारो तरफ लगाए…, चीन के साथ…

भारत ने चीन के साथ पूर्वी लद्दाख में तनाव के मद्देनजर ‘टू फ्रंट वार’ के मद्देनजर पश्चिमी मोर्चे की हवाई सुरक्षा को और मजबूती देने की काम शुरू कर दिया है।

देश में बने इस फाइटर जेट को लेकर अब तक की सबसे​​ बड़ी​ स्वदेशी रक्षा डील 40 हजार करोड़ रुपये में हुई है। शुरुआत में एयरफोर्स और निर्माता एचएएल के बीच मतभेद थे लेकिन तत्कालीन रक्षा मंत्री स्वर्गीय मनोहर पर्रिकर ने समझौता कराया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की प्राचीर से स्वदेशी तेजस एयरक्राफ्ट की तारीफ कर चुके हैं।

इसीलिए वायुसेना ने पाकिस्तान सीमा के नजदीक सीमा पर लड़ाकू तेजस को तैनात किया है ताकि दोनों दुश्मनों की किसी भी हरकत का एक साथ माकूल जवाब दिया जा सके।

चीन के साथ सीमा पर तनाव के बीच पश्चिमी मोर्चे पर तैनात किए गये हल्के स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस ने पाकिस्तान सीमा के पास कई बार उड़ानें भरीं। पिछले कुछ सालों से तेजस की उड़ानें अलग-अलग वायु सेना अड्डों पर होती आई हैं।

लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट तेजस फाइटर की दूसरी स्क्वाड्रन 27 मई को भारतीय वायु सेना के सुलूर वायु सेना स्टेशन में शामिल की गई थी। भारतीय वायुसेना प्रमुख एयर मार्शल आरकेएस भदौरिया ने उस समय तेजस में उड़ान भी भरी थी। पाकिस्तान के साथ 1971 के युद्ध में इसी स्क्वाड्रन के निर्मलजीत सिंह सेखों को मरणोपरांत परमवीर चक्र से नवाजा गया था।

भारतीय वायुसेना ने​ ​चीन से ‘दोस्ती’ निभा रहे पड़ोसी पाकिस्तान की घेराबंदी करने के लिए सीमा से लगे वायु सैनिक अड्डों पर स्वदेशी हल्के लड़ाकू जेट एलसीए तेजस की ऑपरेशनल तैनाती कर दी है।

देश में बने इस फाइटर जेट को चीन के साथ चल रहे विवाद के बीच पाकिस्तान की सीमा के आसपास इसलिए तैनात किया गया है ताकि भारत ‘टू फ्रं​​ट वार’ की स्थिति में दोनों देशों से एक साथ मुकाबला कर सके।