इस देश ने ढूंढ निकाला कोरोना का तोड़, अब तक 127 मरीजों को दिया गया…

फिलहाल डॉक्टरों का कहना है कि इस दवाई का अब ज्यादा संख्या में मरीजों पर टेस्ट किए जाएंगे. साथ ही ये दवाई ऐसे मरीजों पर आजमाया जाएगा जिसकी हालत ज्यादा गंभीर है.

 

कहा गया है कि सांस लेने की तकलीफ वाले मरीजों में इस दवा ने बेहतर काम किया है. साथ ही अगर संक्रमण के शुरुआत के ही दिनों में मरीज को दवा दी जाती है तो इसका बेहतर रिजल्ट आता है.

जिन तीन दवाओं को एक साथ मिलाया गया वो हैं- एचआईवी थेरेपी की दवा लॉपिनविर, हेपेटाइटिस की दवा रीबाविरीन और साथ में सक्लेरोरिस की दवा। ये रिसर्च हॉन्ग कॉन्ग यूनिवर्सिटी में किया गया।

यहां डॉक्टर क्वॉक-यंग-युवेन की टीम ने तीन दवाओं का मिश्रन तैयार किया और इसे 127 मरीजों को दिया गया।

कोरोना वायरस के इलाज को लेकर हॉन्ग कॉन्ग से राहत भरी आ रही है। हॉन्ग कॉन्ग के अस्पतालों में डॉक्टरों ने तीन दवाओं के मिक्सचर से कुछ मरीजों को तेजी से ठीक किया है। इस दवा से ठीक हुए मरीजों और चिकित्सा पद्धति की यह रिपोर्ट द लैंसेंट में प्रकाशित हुई है।

ये रिसर्च हांगकांग यूनिवर्सिटी में किया गया. यहां डॉक्टर क्वॉक-यंग-युवेन की टीम ने तीन दवाओं का मिश्रन तैयार किया और इसे 127 मरीजों को दिया गया.

जिन तीन दवाओं को एक साथ मिलाया गया वो हैं- HIV थेरेपी की दवा लॉपिनविर, हेपेटाइटिस की दवा रीबाविरीन और साथ में सक्लेरोरिस की दवा.

बता दें कि सक्लेरोरिस में आमतौर पर किसी भी मरीज का इम्यून अपने ही टिश्यू पर हमले करता है.कोरोना वायरस  से दुनिया भर में अब तक 2 लाख 79 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है. ज

बकि 40 लाख से ज्यादा लोग इस खतरनाक वायरस की चपेट में आ गए हैं. अभी तक डॉक्टर्स और वैज्ञानिक इसकी न तो कोई दवा और न ही कोई वैक्सीन तलाश कर सके हैं.

इस बीच हांगकांग से एक अच्छी खबर आई है. यहां कोरोना के कुछ मरीजों को 3 दवाओं का मिश्रण दिया गया और इसके अच्छे नतीजे सामने आए हैं.