इस देश ने किया कोरोना की वैक्‍सीन का क्लिनिकल ट्रायल, दिखा ये रिजल्‍ट

कई मेडिकल कंपनियां इस रेस में शामिल हैंअमेरिका की दिग्‍गज फार्मास्युटिकल कंपनी पीफाइजर (Pfizer Inc) ने अपने वैक्‍सीन का प्रयोग एक मरीज के शरीर पर किया है।

 

कंपनी का कहना है कि यह एक मरीज के लिए एक एंटीबॉडी की तरह काम कर रहा है। अमेरिकी दवा निर्माता कंपनी और उसकी जर्मन पार्टनर का कहना है .

अगर यह वैक्सीन कोरोनावायरस से लड़ने में कारगर साबित होती है तो इस साल के अंत तक पूरे अमेरिका में इसे पहुंचा दिया जाएगा। यह वैक्सीन मैसेंजर RNA तकनीक पर काम करती है. ऐसा माना जा रहा है कि कोविड-19 के खिलाफ यह अच्छा काम करेगी।

अमेरिका में 1 मिलियन (10 लाख) से अधिक लोग कोरोनावायरस की चपेट में आ चुके हैं और 68 हजार से अधिक लोगों की मौत हुई है। इन दवा निर्माता कंपनियों का कहना है .

पारंपरिक वैक्सीन्स की तुलना में सिंथेटिक mRNA टेक्नोलॉजी (Synthetic mRNA Technology) का इस्तेमाल करने से वैक्सीन का निर्माण काफी जल्दी हो सकता है। कोविड-19 के खिलाफ सफलतापूर्वक लड़ने वाली अभी तक कोई वैक्सीन या दवा नहीं बन पाई है।

कोरोना संक्रमण के मद्देनजर बीते 24 घंटे पूरी दुनिया के लिए काफी बुरे रहे हैं। इस दौरान दुनिया के 136 देशों में कोरोना वायरस के 71794 नए मामले सामने आए हैं।

इस तहर दुनिया में कोरोना मरीजों की संख्‍या लगभग 38 लाख तक पहुंच गई है। इतना ही नहीं बीते 24 घंटों के दौरान दुनिया के 86 देशों में 3466 मरीजों की मौत इस वायरस की वजह से हुई है।

जिन देशों में बीते 24 घंटों के दौरान सबसे अधिक मामले सामने आए हैं उनमें अमेरिका, रूस, ब्राजील, ब्रिटेन, भारत और इक्‍वाडोर का नाम शामिल है। भारत में इस वक्‍त कोरोना वायरस के 46433 पहुंच गया है। वैज्ञानिक इस जानलेवा वायरस का टीका बनाने में लगे हुए है।