भारत के खिलाफ इस देश ने अपनाया कड़ा रुख, जारी किया…

यह शायद वर्षों में पहली बार है कि भारत के ऐतिहासिक रूप से जुड़े पड़ोसी और मित्र ने इतने गंभीर टकराव वाला रुख अपनाया है, हालांकि यह मुद्दा पिछले कुछ समय से सिर उठा रहा था.

 

यह कदम रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह द्वारा उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में कैलाश मानसरोवर मार्ग पर एक लिंक रोड का उद्घाटन करने के 10 दिनों बाद आया है. यह लिंक रोड लिपुलेख के लिए जाती है.

नेपाल के विदेश मंत्रालय ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर लिंक रोड पर आपत्ति जताते हुए दावा किया था कि यह नेपाली क्षेत्र से होकर गुजरती है. भारत ने यह कहते हुए दावे को खारिज कर दिया कि यह “पूरी तरह से भारत के क्षेत्र में आता है.”

भारत ने कहा है कि सड़क कैलाश मानसरोवर यात्रा के तीर्थयात्रियों द्वारा उपयोग किए जाने वाले पहले से मौजूद मार्ग को रोड में बदला गया है.

एक अधिकारी ने कहा, “वर्तमान परियोजना के तहत, एक ही सड़क को तीर्थयात्रियों, स्थानीय लोगों और व्यापारियों की सुविधा और आसानी के लिए अनुकूल बनाया गया है.”

हालांकि, एक दिन बाद, एक दुर्लभ कदम उठाते हुए नेपाल के विदेश मंत्री ने भारत के राजदूत विनय क्वात्रा को बुलाया और भारत द्वारा उद्घाटन किए गए मार्ग पर एक राजनयिक नोट जारी किया.

नेपाली कैबिनेट (Nepal cabinet) ने सोमवार को एक ताजा राजनीतिक मानचित्र (political map) को मंजूरी दी जिसमें लिम्पियाधुरा , लिपुलेख और कालापानी  को नेपाल के इलाकों के तौर पर दिखाया किया गया.

नेपाल के विदेश मंत्री प्रदीप ग्यावली ने ट्विटर (Twitter) पर लिखा, ‘भूमि प्रबंधन मंत्रालय (Ministry of Land Management) द्वारा आधिकारिक मानचित्र जल्द ही सार्वजनिक किया जा जायेगा.”

पहली बार नेपाल ने भारत के खिलाफ अपनाया इतना कड़ा रुखइस निर्णय की तारीफ करते हुए नेपाल (Nepal) के पर्यटन मंत्री (Tourism Minister) योगेश भट्टाराई ने ट्वीट करके लिखा, “आज, नेपाल सरकार के मंत्रिपरिषद के फैसले को इतिहास के पन्नों में सुनहरे अक्षरों में लिखा जाएगा.”