कोरोंना को लेकर सरकार ने उठाया ये बड़ा कदम, सभी राज्यों को भेजे…

उन्होंने संवाददाताओं से बात करते हुए कहा, ‘विभिन्न देशों की ओर से जो राहत सामग्री और चिकित्सा सहायता दी गई है, उसका ब्यौरा प्रधानमंत्री को सार्वजनिक करना चाहिए ताकि पारदर्शिता सुनिश्चित हो सके. लोगों को यह पता चलना चाहिए कि राहत सामाग्री कहां से आ रही है और कहां जा रही है. यह हमारी और देश के लोगों की मांग है.’

उन्होंने जानकारी साझा करते हुए बताया कि अब तक 40 देशों से सहयोग मिला है. अमेरिका की तरफ से 1.25 लाख रेमडेसिविर दिए गए हैं. नौ हजार रेमडेसिविर बेल्जियम से मिला है.

इसके साथ ही अमेरिका से एक हजार ऑक्सीजन सिलेंडर भी भेजे गए हैं. वहीं फ्रांस ने आठ ऑक्सीजन जेनरेटर समेत 28 टन मेडिकल इक्विपमेंट भेजा है.

इसके अलावा 1.5 लाख स्पूतनिक वैक्सीन, 22 टन मेडिकल सप्लाई जिसमें 22 ऑक्सीजन प्रोडक्शन यूनिट्स, 75 वेंटिलेटर्स और 200 हजार मेडिसिन के पैकेट्स भी मिले हैं.

हालांकि केंद्र सरकार द्वारा जो ओवरऑल विस्तृत रिपोर्ट रिलीज की गई है, उसमें राज्य और उसके मेडिकल संस्थानों को दिए गए मेडिकल आइटम्स की संख्या नहीं बताई गई है. इसके अलावा किस राज्यों को और किस संस्थानों को कौन से आइटम दिए गए हैं इसको लेकर भी कोई जानकारी नहीं दी गई है.

इससे पहले सोमवार को कांग्रेस ने कोरोना महामारी के दौरान सहायता प्रदान करने में सरकार की तरफ से पारदर्शिता दिखाए जाने की मांग की थी. इसके साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आग्रह किया कि वह बाहर देशों से मिली राहत सामाग्रियों के बारे में ब्यौरा सार्वजनिक करें.

कांग्रेस पार्टी प्रवक्ता पवन खेड़ा ने बीजेपी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि जो लोग भारत को ‘कांग्रेस मुक्त’ करना चाहते थे, उनसे उम्मीद है कि अब देश को कोरोना महामारी से मुक्त करने के लिए प्रयास करेंगे.

कोरोना महामारी की वजह से देश में फैल रही निराशा को कम करने के लिए विदेशों से 3000 टन मेडिकल सपोर्ट मिला है, अब उसी को लेकर विवाद बढ़ रहा है. एक तरफ देश के सभी मेडिकल संस्थान, ऑक्सीजन, मेडिकल इक्वीपमेंट और मेडिसीन के लिए हांफ रहे हैं और सरकार द्वारा की जा रही देरी को लेकर परेशान हैं.

वहीं सरकार ने दावा किया है कि 24 अलग-अलग तरह के लगभग 40 लाख मेडिकल आइटम 31 राज्यों और केंद्र प्रशासित प्रदेशों के 86 मेडिकल संस्थानों को मिल गया है या तो मिलने ही वाला है.

केंद्र सरकार ने कहा है कि दिल्ली-एनसीआर (एम्स समेत 8 संस्थान) और देश के अन्य राज्य स्थित 38 मेडिकल संस्थानों को यह सहयोग मिल चुका है. सूत्र ने आजतक को बताया है कि 1656 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर, 20 बड़े आकार के ऑक्सीजन कंसंट्रेटर, 965 वेंटीलेटर्स, 350 ऑड बड़े ऑक्सीजन सिलेंडर और बेडसाइड मॉनिटर्स, बाइपैक मशीन, पीएसए ऑक्सीजन प्लांट्स, पल्स ऑक्सीमीटर, ड्रग (फ्लैविपरिवीर और रेमडेसिविर), PPE किट्स प्रदेश के संस्थानों को भेजे गए हैं.