हाई कोर्ट से झबरेड़ा के भाजपा विधायक देशराज कर्णवाल को मिली ये बड़ी राहत

नैनीताल हाई कोर्ट से झबरेड़ा के भाजपा विधायक देशराज कर्णवाल को बड़ी राहत मिली है। मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने विधायक के जाति प्रमाणपत्र को चुनौती देती जनहित याचिका को खारिज कर दिया है। विधायक ने इसे न्याय की जीत बताया दिया है।

हरिद्वार के विपिन तोमर ने जनहित याचिका दायर कर देशराज के जाति प्रमाण पत्र को फर्जी बताते हुए निरस्त करने की मांग की थी। पूर्व में कोर्ट ने जाति प्रमाण पत्र की जांच के लिए एक कमेटी गठित कर जांच रिपोर्ट कोर्ट में पेश करने को कहा था। सरकार द्वारा कोर्ट को अवगत कराया था कि जाति से सम्बंधित प्रमाण पत्रों की जांच पूरी हो चुकी है। 22 अगस्त को अपर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में जाति प्रमाण पत्र स्क्रुटनी कमेटी का गठन किया गया।

कमेटी ने गहनता से जांच कर आरोपों पर दोनों पक्षों को विस्तारपूर्वक सुना गया। कमेटी की पहली बैठक 28 अगस्त को हुई। शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया गया कि विधायक देशराज कर्णवाल उत्तराखंड के नहीं बल्कि उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले के मूल निवासी हैं। 2005 में उनको जारी जाति प्रमाण पत्र को निरस्त करने की मांग की।

स्क्रुटनी कमिटी को अवगत कराया गया कि देशराज 1984 से ही मां व भाई के साथ वर्तमान हरिद्वार जिले में निवास करने लगे थे तथा तब से ही वह लगातार हरिद्वार जिले में रह रहे हैं।1997 में जिला सेवायोजन कार्यालय हरिद्वार में पंजीकरण का साक्ष्य भी दिया गया। पहले भी राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा निर्णित किया जा चुका है । कमेटी ने पाया कि देशराज कर्णवाल को 2005 में जारी किया गया जाति प्रमाण पत्र पूरी तरह वैध है। आज इस मामले में कोर्ट ने सुनवाई के बाद जनहित याचिका खारिज कर दी।