पृथ्वी पर आने वाली है ये बड़ी आफत, UN ने सभी देशों से की ये अपील…

कोरोना का भी जिक्र किया गया है. यूएन मानता है कि इसने लगभग सभी बड़े मुल्कों की व्यवस्थाओं की पोल खोल दी है, जो ठीक तैयारियां करके मौत के आंकड़े को कम नहीं कर पाए.

 

यूएन की एक रिपोर्ट ‘आपदाओं की मानवीय कीमत 2000-2019’ (The Human Cost of Disasters 2000-2019) के मुताबिक, इन सालों के बीच में 7,348 बड़ी प्राकृतिक आपदाएं आई हैं. इसमें भूकंप, सूनामी, चक्रवात आदि शामिल हैं.

इन्होंने 1.23 मिलियन जिंदगियां खत्म कर दीं. वहीं 4.2 बिलियन लोगों का जीवन प्रभावित हुआ. इतना ही नहीं इसकी वजह से वैश्विक अर्थव्यवर्था को 2.97 ट्रिलियन डॉलर का नुकसान हुआ. यह सब 1980 से 1999 के बीच आईं आपदाओं का लगभग दोगुना है.

यूएन (United Nation on Climate Change) ने कहा कि अगर ऐसा नहीं किया गया तो ग्रह लाखों लोगों के लिए न रहने लायक नर्क बन जाएगा. बताया गया है कि पिछले 20 सालों में बाढ़, तूफान, सूखा, गर्म हवाएं, चक्रवात, जंगलों की आग में बहुत वृद्धि हुई है.

बढ़ती प्राकृतिक आपदाओं को लेकर संयुक्त राष्ट्र (UN on Climate Change) ने चिंता जताई है. संयुक्त राष्ट्र ने कहा है कि पिछले 20 सालों में प्राकृतिक आपदाओं में चौंकानेवाली तेजी देखी गई है.

यूएन के मुताबिक, ऐसा (United Nation on Natural Disasters) जलवायु परिवर्तन की वजह से हो रहा है और इससे निपटने के लिए सभी राजनेताओं और बड़े व्यापारियों को एक होना होगा.