इस कदम से मतदाताओं को लुभाने का प्रयास

राजधानी रांची समेत राज्य के कई शहरों में बिक रहे सस्ते प्याज पर निर्वाचन आयोग ने रोक लगा दी है। नैफेड व बिस्कोमान की ओर से राज्य के कई शहरों में न सिर्फ स्टॉल लगाकर बल्कि वाहनों में गली-गली घूम कर 35 रुपए किलो प्याज बेचा जा रहा था, जबकि प्याज का खुदरा बाजार मूल्य 80 से 90 रुपए प्रतिकिलो तक पहुंच गया है। इसके खिलाफ झामुमो के महासचिव ने 23 नवंबर को रांची में डीसी से शिकायत की थी। पार्टी का आरोप था कि इस कदम से मतदाताओं को लुभाने का प्रयास किया जा रहा है।

सहायक जिला आपूर्ति पदाधिकारी व प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी, बेड़ो की संयुक्त जांच में कहा गया कि इस बिक्री में किसी राजनीतिक पार्टी की संलिप्तता नहीं पाई गई। मगर राज्य में लागू चुनाव आदर्श आचार संहिता को देखते हुए निर्वाचन आयोग ने पूरे राज्य में इस तरह सस्ते प्याज की बिक्री पर रोक लगा दी है। साथ ही नैफेड के एमडी को शो-कॉज नोटिस जारी कर पूछा है कि सस्ते प्याज की बिक्री किसके निर्देश पर की जा रही थी। इसकी सब्सिडी किस मद से पूरी की जाएगी।

निर्वाचन आयोग के आदेश के बाद रांची में सदर एसडीओ लोकेश मिश्रा के नेतृत्व में एक टीम ने बुधवार रात 9 बजे बिस्कोमान का रातू स्थित गोदाम सील कर दिया। गोदाम में रखा करीब 30 टन प्याज और 12 गाड़ियां जब्त कर ली गई हैं। बिस्कोमान के क्षेत्रीय वरीय प्रबंधक एपी सिंह के मुताबिक इस गोदाम में 192 टन प्याज आया था, जिसमें से 150 टन से अधिक बिक गया। जिला प्रशासन ने प्याज के थोक कारोबारी की 50 टन व खुदरा की 10 टन स्टॉक सीमा तय की है। वहीं विपक्ष ने निर्वाचन आयोग के कदम को स्वागतयोग्य बताया और कहा की इस घोटाले के रहस्योद्धघटन होने से सरकार के मुंह पर तमाचा लगा है। वहीं भाजपा ने आयोग के निर्णय का स्वागत किया है और आयोग के निर्णय को सर्वमान्य बताया।