अब सुशांत के गुनहागारों तक पहुंचने में मदद करेंगे ये लोग, इन पर होगी नजर

सुशांत की मौत के बाद पहले तो पिठानी ने खुद को दिवंगत अभिनेता का बेहद करीबी और हमदर्द साबित करने में कोई कसर नहीं छोड़ी, लेकिन जैसे ही पटना पुलिस ने उसे पूछताछ के लिए बुलाया वैसे ही वह अचानक हैदराबाद भाग निकला। किसी तरह पटना पुलिस उससे संपर्क कर सकी थी।

 

सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद कई ऐसे लोग हैं, जिनकी हरकत ने उन्हें कटघरे में खड़ा कर दिया है। उन्हीं में से एक सुशांत का करीबी उनका दोस्त सिद्धार्थ पिठानी है।

मुंबई से जांच करके पटना लौटी एसआईटी 40 पन्नों की रिपोर्ट सीबीआई को सौंप चुकी है, जिनमें 10 से अधिक राजदारों के बयान दर्ज हैं। यही नहीं, सीबीआई जांच से मुंबई पुलिस की गर्दन भी फंस सकती है, क्योंकि इस मामले में शुरू से ही मुंबई पुलिस की कार्रवाई सवालों के घेरे में है।

सीबीआई के लिए दिशा सालियान और सुशांत की मौत का कनेक्शन भी जांच की अहम कड़ी होगी। सीबीआई ने इस मामले में एफआईआर दर्ज कर ली है।

शायद यही वजह थी कि पटना से मुंबई गई एसआईटी इन्हीं साक्ष्यों को हासिल करना चाहती थी, जिसे देने के बजाए मुंबई पुलिस ने फाइल डिलिट होने की बात कहकर बड़ा खेल खेला था, लेकिन सीबीआई हर हाल में इलेक्ट्रोनिक्स एविडेंस को हासिल करने की कोशिश करेगी।

विधि जानकारों की मानें तो सुशांत की मौत का खुलासा करने के लिए इलेक्ट्रोनिक्स एविडेंस की अहम भूमिका होगी। घटनास्थल के फोटो, अपार्टमेंट के सीसीटीवी कैमरे के फुटेज भी इसमें अहम साबित होंगे। पोस्टमार्टम रिपोर्ट व एफएसएल रिपोर्ट, सीडीआर भी सीबीआई की जांच में कारगर साबित होगी।

सुशांत सिंह की मौत की जांच करने में सीबीआई जुट गई है। सुशांत ने सुसाइड किया या फिर उसकी हत्या हुई है ? उसे आत्महत्या करने के लिए किसने प्रताड़ित किया, इन सब बातों को बता लगाना सीबीआई की सबसे बड़ी चुनौती है।