मोदी सरकार को लेकर ममता बनर्जी ने कही ये बात, जानकर लोग हुए हैरान

नागरिकता संशोधन कानून (सीएए)  राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) के विरूद्ध सीएम ममता बनर्जी सोमवार को पुरुलिया में सड़क पर उतरीं  इस मामले पर तमाम विपक्षी दलों से बीजेपी के खिलाफ एकजुट होने का आह्वान कियाजा रहा है.

 

ममता ने बोला कि झारखंड से बीजेपी को मुंहतोड़ जवाब मिला है  एक वर्ष के अंदर बीजेपी के हाथ से निकलने वाला झारखंड पांचवां प्रदेश बना है. पुरुलिया के मानभूम विक्टोरिया इंस्टीट्यूशन से टैक्सी स्टैंड तक चार किलोमीटर की पदयात्रा प्रारम्भ करने से पहले मंच से सभा को संबोधित करते हुए ममता ने बोला कि नए कानून को लेकर अल्पसंख्यकों में डर है, इसके अतिरिक्त एनआरसी के बहाने उन्हें नागरिकता से बेदखल करने की साजिश चल रही है. सभी सियासी दलों और नागरिक संगठनों से कहूंगी कि वे एकजुट हों. यह जनता का आंदोलन है  आजादी की दूसरी लड़ाई है. जो दूसरों को भगाना चाहते हैं, असल में हिंदुस्तान में उनके लिए कोई स्थान नहीं है|

सुनिश्चित करें मतदाता सूची में सबका नाम
ममता ने बोला कि बंगाल में पहले ही राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) का अद्यतन बंद किया जा चुका है. अभी मतदाता सूची का कार्य चल रहा है. उन्होंने जनता को संबोधित करते हुए कहा-‘आप सिर्फ इतना सुनिश्चित कीजिए कि आपका नाम मतदाता सूची में हो. बाकी का कार्य मैं देख लूंगी.‘ प्रदेश में एनआरसी नहीं लागू होने देने के वायदे को दोहराते हुए उन्होंने कहा-‘जब तक मैं जीवित हूं, किसी को भी देश नहीं छोड़ना पड़ेगा. बंगाल में कोई डिटेंशन सेंटर नहीं बन सकता है. जो भी शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहा है, उसे देश विरोधी बताया जा रहा है लेकिन जब तक सीएए को वापस नहीं लिया जाता, तब तक मैं अपना विरोध समाप्त नहीं करुंगी.

छात्रों से छीना जा रहा विरोध करने का अधिकार
ममता ने सीएए के विरूद्ध देशभर में विद्यार्थियों के आंदोलन का समर्थन करते हुए बोला था कि यह कैसे होने कि सम्भावना है कि वे 18 साल की आयु में सरकार चुनने के लिए मतदान तो करें, परन्तु उन्हें विरोध करने का अधिकार न दिया जाए. विद्यार्थी काले कानून का विरोध क्यों नहीं कर सकते? केन्द्र सरकार प्रदर्शकारी विद्यार्थियों के विरूद्ध कार्रवाई कर रही है  उन्हें विश्वविद्यालयों से निष्कासित कर रही है.

पदयात्रा से पुरुलिया में खोई जमीन हासिल करने की जुगत में ममता
सीएए के खिलाफ कोलकाता में 11 दिनों में पांच बार पदयात्रा कर चुकीं ममता जब सोमवार को पुरुलिया की सड़कों पर उतरीं तो उनके साथ प्रदेश के चार मंत्री शुभेंदु अधिकारी, मलय घटक, शांतिराम महतो  संध्यारानी टुडू भी थे. जुलूस की आरंभ मानभूम विक्टोरिया इंस्टीट्यूशन से हुई, जो बीटी सरकार रोड, जिला स्कूल मोड़, जलखाना मोड़, हाट मोड़, नीलकुठी डांगा, राधाकृष्ण होते हुए टैक्सी स्टैंड में जाकर खत्म हुआ. इसमें बड़ी संख्या में तृणमूल समर्थकों के साथ आम लोग भी उपस्थित हुए. सियासी जानकार पदयात्रा को आगामी नगर निकाय चुनाव से पहले तृणमूल की ओर से पुरुलिया में खोई जमीन हासिल करने की जुगत मान रहे हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि ममता ने लोकसभा चुनाव के दौरान भी पदयात्रा को जनसंपर्क का जरिया बनाया था. इस दौरान वे पार्टी उम्मीदवारों के साथ बार बार पैदल मार्च में उपस्थित होती थीं.