अभी – अभी जम्मू -कश्मीर में हुआ ये, भागते नजर आए लोग

ये मुक़दमे ग़ैर-क़ानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत दर्ज किये गये हैं। इसे लेकर प्रशासन की जमकर आलोचना हो रही है।

 

इंडिया टुडे के मुताबिक़, पुलिस ने कहा, ‘अलग-अलग वीपीएन (वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क) का इस्तेमाल कर उपद्रवी तत्व सोशल मीडिया पर कश्मीर की सुरक्षा को लेकर अफ़वाहें फैला रहे हैं .

इन्हीं पोस्ट्स का संज्ञान लेते हुए एफ़आईआर दर्ज की गई हैं।’ पुलिस का कहना है कि इन सोशल मीडिया पोस्ट्स के जरिये अलगाववादी विचारधारा का प्रचार किया जा रहा है .

आतंकवादी कृत्यों/आतंकवादियों का महिमामंडन किया जा रहा है। पुलिस के मुताबिक़, इस संबंध में बहुत सारी आपत्तिजनक सामग्री भी जब्त की गई है।

अनुच्छेद 370 को हटाये जाने के बाद से ही कई तरह के प्रतिबंधों का सामना कर रहे कश्मीरियों की ले रही हैं। कुछ दिन पहले ही सुप्रीम कोर्ट के कड़े रूख के बाद घाटी में इंटरनेट सेवाओं को बहाल किया गया था .

अब ख़बरें आ रही हैं कि सोशल मीडिया के ग़लत इस्तेमाल के आरोप में कश्मीर में यूजर्स के ख़िलाफ़ मुक़दमे दर्ज किये जा रहे हैं।

इस संबंध में जम्मू-कश्मीर प्रशासन की ओर से सफाई आई है कि घाटी में सभी सोशल मीडिया यूजर्स के ख़िलाफ़ मुक़दमे दर्ज नहीं किये गये हैं।