ब्राह्मणों को साधने में जुटी सपा, करने जा रही ये काम

यूपी विधानसभा चुनाव में ब्राह्मण फैक्टर अहम भूमिका निभा सकता है. चाहे 2014 और 2019 का लोकसभा चुनाव हो या फिर 2017 का विधानसभा चुनाव, ब्राह्मणों ने बीजेपी के पक्ष में जमकर वोट किया।

जिसका नतीजा यह रहा कि राज्य में बीजेपी को सबसे ज्यादा सीटें मिली. इतनी सीटें राम मंदिर आंदोलन के दौरान भी पार्टी को नहीं मिली थी. यही कारण है कि बीजेपी जहां अपने इस परंपरागत वोट बैंक को अपने पाले में बनाए रखने के लिए कोई कोर-कसर बाकी नहीं रख रही है तो वहीं विपक्ष ने भी इन्हें अपने साथ करने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है.

मीडिया सूत्रों के अनुसार, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष माता प्रसाद पांडे की अध्यक्षता में पार्टी के पांच ब्राह्मण नेताओं पूर्व मंत्री अभिषेक मिश्रा, पवन पांडेय, सनातन पांडेय और मनोज पांडेय ने अखिलेश यादव से मुलाकात की थी.

इस मुलाकात के बाद अखिलेश ने उन्हें प्रदेश में ब्राह्मण सम्मेलन कराने की जिम्मेदारी दी. बलिया के टाउन डिग्री कॉलेज के मैदान में होने वाले सम्मेलन में पूर्वांचल सहित प्रदेश के ब्राह्मण नेताओं का जमावड़ा होगा. सपा ने इस सम्मेलन को लेकर तैयारियां तेज कर दी हैं.

बता दें, ब्राह्मणों को भाजपा को कोर वोटर माना जाता है. इसलिए सभी पार्टियों ने उन्हें अपने पाले में करने के लिए सारी ताकत झोंक दी है. इसी कड़ी में बसपा के बाद अब समाजवादी पार्टी भी ब्राह्मण सम्मेलन का आयोजन करेगी।

जिसका आगाज 23 अगस्त को 1857 की क्रांति के नायक मंगल पांडेय की जन्मभूमि पूर्वांचल के बलिया जिले से होगा. इसमें पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के भी शामिल होने की बात कही जा रही है.

यूपी विधानसभा चुनाव 2022 (UP Assembly Election 2022) को लेकर सियासी दलों ने अपनी तैयारियां तेज कर दी है. सरकार जहां अपनी उपलब्धियों को बता रही है तो वहीं विपक्ष भी सरकार को घेरने में जुटी हुई है.

इस दौरान ब्राह्मणों पर राजनीति (Politics On Brahmin) भी खूब हो रही है. बहुजन समाज पार्टी (Bahujan Samaj Party) ने जहां अयोध्या में प्रबुद्ध वर्ग संवाद सुरक्षा सम्मान विचार गोष्ठी का आयोजन कर ब्राह्मण सम्मेलनों के पहले चरण की शुरुआत की तो वहीं अब सपा भी ब्राह्मणों को साधने में जुट गई है.