भारत के ख़िलाफ़ भड़का ये देश, सड़को पर उतरे लोग

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पिथौरागढ़ से वाहनों के पहले काफ़िले को रवाना किया था. सरकार का कहना है कि इस सड़क से सीमावर्ती गाँव पहली बार सड़क मार्ग से जुड़ेंगे.

 

सीमा सड़क संगठन ने धारचुला से लिपुलेख तक सड़क निर्माण कार्य पूरा किया है.ये सड़क कैलाश मानसरोवर यात्रा मार्ग के नाम से भी प्रसिद्ध है.

कैलाश मानसरोवर तीर्थयात्रियों को इस 90 किलोमीटर लंबे रास्‍ते की कठिनाई से राहत मिलेगी और गाड़ियां चीन की सीमा तक जा सकेंगी.

धारचुला-लिपुलेख रोड, पिथौरागढ़-तवाघाट-घाटियाबागढ़ रूट का विस्‍तार है. ये सड़क घाटियाबागढ़ से शुरू होकर लिपुलेख दर्रे पर ख़त्म होती है जो कैलाश मानसरोवर का प्रवेश द्वार है.

नेपाल की पुलिस का कहना है कि काठमांडू में भारतीय दूतावास के बाहर और अन्य जगहों पर प्रदर्शन कर रहे कम से कम 38 प्रदर्शनकारियों को गिरफ़्तार किया गया है.कोरोना वायरस के कारण नेपाल में इस समय राष्ट्रीय स्तर पर लॉकडाउन जारी है. लेकिन इसके बावजूद इस सड़क का विरोध कर रहे लोग सड़क पर उतरे. नेपाल में शनिवार को ट्विटर पर #backoffindia हैशटैग भी ट्रेंड कर रहा था. दिलचस्प बात ये थी कि साल 2015 में जब भारत ने नेपाल से लगी सीमा सील कर दी थी, तब भी यही हैशटैग ट्रेंड कर रहा था.

नेपाल के संविधान विशेषज्ञ बिपिन अधिकारी ने कहा है, “हमारा महान पड़ोसी भारत 3,287,263 वर्ग किलोमीटर की सीमा के साथ दुनिया का सातवां बड़ा देश है. लेकिन इतना उनके लिए काफ़ी नहीं है. वे कुछ किलोमीटर और चाहते हैं ताकि नेपाल का लिम्पियाधुरा, कालापानी और लिपु लेख उनका हो जाए.”

भारत में नेपाल के राजदूत रह चुके डिप्लोमैट भेष बहादुर थापा ने समाचार एजेंसी एएफपी से कहा, “दोनों पक्षों ने माना है कि इस इलाक़े पर विवाद है. लेकिन बातचीत के दौरान भारत की ओर से एकतरफ़ा और बलपूर्वक कार्रवाई ने दोनों देशों के दोस्ताना संबंधों को नुक़सान पहुंचाया है.”

काठमांडू में भारतीय दूतावास के बाहर शनिवार को इकट्ठा हुए प्रदर्शनकारी भारत और चीन को जोड़ने वाली एक सड़क परियोजना पर नेपाल ने कड़ा एतराज जताया है.

नेपाल में यह मामला इस क़दर गर्म है कि शनिवार को काठमांडू में भारतीय दूतावास के सामने दर्जनों प्रदर्शनकारी इकट्ठा हो गए.

सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस को इन्हें गिरफ़्तार करना पड़ा. भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को वीडियो लिंक के ज़रिए 90 किलोमीटर लंबी इस सड़क का उद्घाटन किया था. ये सड़क उत्तराखंड राज्य के घाटियाबागढ़ को हिमालय क्षेत्र में स्थित लिपुलेख दर्रे से जोड़ती है.

नेपाल की आपत्ति पर भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने शनिवार को कहा, “हाल ही में पिथौरागढ़ ज़िले में जिस सड़क का उद्घाटन हुआ है, वो पूरी तरह से भारतीय क्षेत्र में पड़ता है. कैलाश मानसरोवर यात्रा पर जाने वाले तीर्थयात्री इसी सड़क से जाते हैं.”