चीन से निपटने के लिए एकजुट हुए ये देश, तैनात की ये बड़ी मिसाइल

अमेरिका-भारत की ‘टू-प्लस-टू’ वार्ता अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों से कुछ हफ्ते पहले ही आयोजित होनी है। इसके अलावा यह वार्ता ऐसे समय पर हो रही है, जब भारत और चीन के बीच लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास तनाव चल रहा है।

 

इस शीत युद्ध जैसे तनाव के मद्देनजर अमेरिका और भारत के बीच होने वाली वार्ता महत्वपूर्ण मानी जा रही है। वहीं भारत में विदेश मंत्रालय ने कहा कि अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो और रक्षा मंत्री मार्क टी. एस्पर वार्ता के लिए 26 और 27 अक्टूबर को भारत का दौरा करेंगे। वार्ता में भारत का प्रतिनिधित्व विदेश मंत्री एस. जयशंकर और रक्षामंत्री राजनाथ सिंह करेंगे।

कोविड-19 महामारी की वजह से दोनों देशों के बीच हर साल होने वाली टू प्लस टू (दो जमा दो) बैठक में देरी पर उन्होंने कहा, ‘मुझे खुशी है कि हम उनसे मिलने जा रहे हैं।’ चीन के साथ बिगड़ते रिश्तों के बीच नई दिल्ली 27 अक्टूबर को तीसरी भारत-अमेरिका ‘टू-प्लस-टू’ मंत्री स्तरीय चर्चा की मेजबानी करेगा।

पोम्पियो ने कहा कि वह विशेष रूप से उस बैठक का इंतजार कर रहे हैं, जिसमें वह और रक्षा सचिव माइक ओस्लो भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर और रक्षामंत्री राजनाथ सिंह के साथ बैठक करेंगे।

उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि उन्हें यकीन है कि अगले मंगलवार की बैठक में इस बात पर चर्चा होगी कि कैसे चीनी कम्युनिस्ट पार्टी द्वारा उत्पन्न खतरों को विफल करने के लिए हम मिलकर काम कर सकते हैं।

अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने बुधवार को कहा कि अगले सप्ताह नई दिल्ली में भारत और अमेरिका के शीर्ष विदेशी मामलों की दो प्लस दो मंत्रिस्तरीय बैठक में चीन से उत्पन्न खतरों पर चर्चा होगी।