चीन को जवाब देने के लिए तैयार हुआ ये देश, तैयार किए 35,000…

ये सभी सर्दियों में लंबे समय तक ये मोर्चे पर डटे रहने के लिए दिमागी व शारीरिक रूप से भी तैयार हैं. अधिकारी के मुताबिक पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ने पूर्वी लद्दाख में जिन सैनिकों को तैनात किया है, वह जरूरी भर्ती प्रोग्राम के तहत केवल 2-3 वर्ष के लिए सेना में आए हैं. इसके बाद वे अपने सामान्य ज़िंदगी में लौट जाएंगे.

सरकार के एक ऑफिसर ने खबर एजेंसी से वार्ता में बताया कि सरकार लद्दाख में तैनात अपने सभी सैनिकों को कड़कड़ाती हुई बर्फीली ठंड से राहत व बचाव के लिए एक्स्ट्रीम कोल्ड वेदर पोर्टेबल केबिन मुहैया करवाएगी. ये सैनिक पहले से ही सियाचिन, पूर्वी लद्दाख व उत्तर पूर्वी इलाकों में तैनात रह चुके हैं.

पूर्वी लद्दाख में दोनों राष्ट्रों के बीच अभी तनाव जारी है व इसके आगे लंबा खींचने के इशारा हैं. ऐसे में हिंदुस्तान पहाड़ों व सर्दियों के लिए विशेष रूप से प्रशिक्षित अपने 35,000 अलावा जवानों की तैनाती करने जा रहा है.

ये जवान बर्फीली चोटियों पर हर हालात से निपटने के लिए प्रशिक्षित हैं व मानसिक तौर पर भी तैयार हैं. इसके उलट एलएसी पर तैनात चीनी सैनिक ऐसी परिस्थितियों के लिए प्रशिक्षित नहीं हैं.

इन सैनिकों को चाइना के मुख्य व जमीनी इलाकों से लाकर लद्दाख में तैनात किया गया है. इस वजह से ये ऊंचाई वाले इलाकों व भीषण ठंड के आदी नहीं हैं.

पिछले महीने गलवां घाटी में चाइना की तरफ से की गई नापाक हरकत के बाद हिंदुस्तान अब किसी भी तरह की ढिलाई बरतने के मूड में नहीं है.

यही कारण है कि अब हिंदुस्तान ने सर्दियों वबदलते मौसम को ध्यान में रखते हुए असली नियंत्रण रेखा के करीब पूर्वी लद्दाख में 35000  जवानों को तैनात करने की तैयारी कर ली है.