अमेरिका समेत इन देशों ने चीन को घेरा, लगाया गया…बना खतरा…

जिन देशों के सांसदों ने चीन के खिलाफ यह गठबंधन बनाया है, उनमें से कई को चीन की महत्वाकांक्षाओं के कारण राजनीतिक और आर्थिक नुकसान झेलने पड़े हैं।

 

अमेरिका तो विभिन्न मुद्दों को लेकर अब खुलकर चीन की खिलाफत कर रहा है। अमेरिका में तमाम चीनी कंपनियों को ब्लैक लिस्टेड करने के साथ ही उन पर शिकंजा कस दिया गया है।

चीन के खिलाफ बनाए गए इस गठबंधन में अमेरिका, जर्मनी, आस्ट्रेलिया, कनाडा, स्वीडन और नार्वे आदि ताकतवर देशों के नेता शामिल हैं। इस गठबंधन में अमेरिका के रिपब्लिकन सीनेटर मार्को रूबियो, डेमोक्रेट बॉब मेनेन्डेज, यूरोपीय संसद में विदेशी मामलों की कमेटी के मेंबर मिरयम लेक्समैन, जापान के पूर्व विदेश मंत्री जेन नाकातानी और ब्रिटेन में कंजरवेटिव पार्टी के सांसद इयान डंकन स्मिथ शामिल हैं।

गठबंधन में शामिल नेताओं ने चीन पर बड़ा हमला करते हुए कहा कि वह मानवाधिकारों, ग्लोबल ट्रेड और सुरक्षा के लिए खतरा बनता जा रहा है।

इन नेताओं ने कहा कि हमारा मकसद चीन से जुड़े मुद्दों पर एक राय बनाना है और सक्रिय होकर रणनीतिक तैयारी करना है। उन्होंने कहा कि चीन के मंसूबों को नाकाम करने के लिए एकजुट होना जरूरी है। सभी देशों को एकजुट होकर चीन के खिलाफ मुहिम छेड़नी होगी ताकि उसके मंसूबों पर पानी फेरा जा सके।

पूरी दुनिया में कोरोना वायरस के कहर के बाद चीन कई बड़े देशों के निशाने पर आ गया है। अमेरिका सहित तमाम देशों का आरोप है कि चीन के वुहान शहर से ही पूरी दुनिया में इस वायरस का संक्रमण फैला और अब यह वायरस इतनी ज्यादा संख्या में लोगों की जानें ले रहा है।

कोरोना संकट के बाद दुनिया के तमाम देशों ने चीन की घेरेबंदी तेज कर दी है। अब आठ देशों के वरिष्ठ सांसदों ने चीन की घेरेबंदी के लिए यह गठबंधन बनाया है।