चीन और पाकिस्तान ने की ये खतरनाक तैयारी, जैविक हथियार के साथ…दिया ये भयानक संकेत

भारत और चीन के बीच तनाव के माहौल के बीच, पाकिस्तान ने भी एक राजनीतिक चाल चली है। पाकिस्तान की सरकार ने देश में चीनी कंपनियों के क्षेत्रीय कार्यालय खोलने की अनुमति दी है।

प्रत्येक अध्ययन में ज़ूनोटिक वायरस की पहचान और उनके लक्षणों के बारे में जानकारी दी गई है। ये वायरस संक्रामक हैं, जानवरों से मनुष्यों में गुजर रहे हैं।

अध्ययन में वेस्ट नाइल वायरस, मेर्स-कोरोना वायरस, क्रीमियन-कांगो रक्तस्रावी बुखार वायरस, थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम और चिकनगुनिया वायरस भी शामिल थे। वर्तमान में वायरस के लिए कोई इलाज या टीका नहीं है। इनमें से कई वायरस निश्चित रूप से घातक और संक्रामक हैं।

क्लैक्सन की एक रिपोर्ट के अनुसार, वुहान इंस्टीट्यूट के वैज्ञानिकों की एक टीम पाकिस्तान के साथ घातक वायरस के प्रयोगों पर काम कर रही है। पाकिस्तान में पिछले पांच साल से ट्रायल चल रहा है।

पिछले साल, यह पता चला था कि चीन और पाकिस्तान ने जैविक हथियारों की क्षमता बढ़ाने के लिए तीन साल की गोपनीयता समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। वुहान संस्थान और पाकिस्तानी वैज्ञानिकों द्वारा किए गए पांच अध्ययनों को वैज्ञानिक पत्रों में प्रकाशित किया गया है।

चीन (China) और पाकिस्तान (Pakistan) ने एक ‘भयानक तैयारी’ के संकेत दिए हैं। जैविक हथियार (Biological Weapons) बनाने के लिए वे 2015 से घातक वायरस का परीक्षण कर रहे हैं।

यह घातक साजिश चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे के तहत रची जा रही है। कोरोना वायरस की उत्पत्ति को लेकर विवादों में घिरे चीन के वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी को कार्य सौंपा गया है।