चीन के खिलाफ भारत समेत इन 62 देशो ने उठाया ये बड़ा कदम, कहा अब नहीं बच पाएगा…

आज से WHO की 73वीं विश्व स्वास्थ्य सभा शुरू होने जा रही है। इस एनुअली मीटिंग के लिए यह मसौदा तैयार किया गया है। जिसमें स्वतंत्र, निष्पक्ष और विस्तृत जांच की मांग की गई है।

 

 

भारत महामारी की शुरूआत के बाद से पहली बार ऑफिशियल तौर पर एक पक्ष खड़ा हुआ है। बता दें कि दिसंबर 2019 में चीन के वुहान प्रांत से इस कोरोना वायरस की शुरूआत हुई थी।

इस वायरस की वजह से पूरी दुनिया को कई तरह की संकटों का सामना करना पड़ रहा है। अब तक दुनियाभर में 3 लाख से भी ज्यादा लोगों की इस घातक बीमारी की वजह से जान जा चुकी है।

बता दें कि भारत के इस जांच के समर्थन में खड़े होने का संकेत उस वक्त मिला था, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मार्च में हुए G20 सम्मेलन में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) में सुधार, पारदर्शिता और जवाबदेही तय करने जैसी जरूरतों पर जो दिया था।

बता दें कि चीन पर शुरू से ही आरोप लगते रहते हैं कि उसने संक्रमण के शुरूआती दिनों की जानकारी सभी देशों से छिपाकर रखी। देशों का कहना है कि अगर चीन ने पहले ही कोरोना महामारी के बारे में सचेत कर दिया होता तो इतनी परेशानी ना होती।

वहीं कोरोना की लड़ाई में अहम भूमिका निभाने वाले शीर्ष अधिकारी और डॉक्टर झोंग नानशान ने भी हाल ही में खुलासा किया कि स्थानीय अधिकारियों ने कोरोना को लेकर शुरूआती जानकारी छिपाई थी। हालांकि चीन की तरफ से इन आरोपों का खंडन किया गया है।

चीन से शुरू हुए कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले रखा है। लेकिन ये महामारी आखिर कैसे और किस तरह इंसानों तक फैली। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने वायरस के रोकथाम के लिए कौन कौन से कदम उठाए और अब तक इस संकट की घड़ी में उसकी क्या भूमिका रही? दुनिया के करीब 62 देश यहीं सवाल उठा रहे हैं। सभी देशों ने इन सवालों के जवाब की मांग की है।

अब भारत ने भी आधिकारिक तौर पर इन देशों को अपना समर्थन दिया है। दरअसल, भारत ने यूरोपीय यूनियन व ऑस्ट्रेलिया की द्वारा जांच की मांग वाले दस्तावेज पर हस्ताक्षर कर दिया है।