सीएम गुरुवार को मुंडेरवा चीनी मिल का उद्घाटन करेंगे, व इसके साथ ही 21 वर्षों से बंद पड़ी यह चीनी मिल चालू हो जाएगी। इस मिल को चालू कराने को लेकर 2002 में हुए आंदोलन में तीन किसान मारे गए थे। सीएम योगी आदित्यनाथ इस मिल के उद्घाटन के साथ उन तीन दिवंगत किसानों को श्रद्धांजलि देंगे।
अप्रैल 2019 में इस मिल का ट्रायल हो चुका है, व अब उद्घाटन के बाद विधिवत इस मिल का संचालन होने लगेगा। सीएम गत दिनों इतनी ही क्षमता की पिपराइच गोरखपुर (Gorakhpur) चीनी मिल का भी उद्घाटन कर चुके हैं। ज्ञात हो कि पूर्वाचल के गन्ना बेल्ट के बस्ती जिले में स्थित यह चीनी मिल 1998 में बंद कर दी गई थी।
मिल बंद होने के साथ ही इससे जुड़े हजारों किसानों व व्यापारियों की खुशी भी छिन गई थी। इसके विरोध में चले लंबे आंदोलन के दौरान 2002 में तीन किसानों की मृत्यु हो गई थी। योगी ने साल 2017 में प्रदेश का सीएम बनने के बाद बंद पड़ी चीनी मिलों को दोबारा चालू कराने व पुरानी मिलों की क्षमता बढ़ाने के एजेंडे पर कार्य करना प्रारम्भ किया।
मार्च 2018 में सीएम ने मुंडेरवा चीनी मिल का शिलान्यास किया था। उन्होंने उसी समय घोषणा की थी कि 383 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाली इस मिल की क्षमता 5000 टीडीसी की होगी, व यहां बनने वाली चीनी सल्फर मुक्त होगी। योगी ने घोषणा की थी कि मिल में 27 मेगावाट का कोजेन प्लांट भी होगा, व मिल रिकॉर्ड 12 महीने में बन कर तैयार होगी।
संभागीय विख्यापन ऑफिसर डाक्टर बी। के। गोयल ने बताया, “मिल की क्षमता रोजाना पांच हजार टन गन्ना पेराई की है। इसे साढ़े सात हजार टन तक बढ़ाया जा सकता है। चीनी (Sugar) मिल में 27 मेगावाट क्षमता के बिजली उत्पादन संयंत्र का निर्माण भी पूरा होने वाला है। पेराई सत्र 2019-20 में मुंडेरवा चीनी मिल में लगभग 60 लाख कुंटल गन्ना पेराई का अनुमान है। इससे लगभग सवा छह लाख कुंटल चीनी का उत्पादन होगा। इस परियोजना से करीब साढ़े आठ हजार लोगों को प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार प्राप्त होगा। “