नागरिकता कानून को लेकर योगी सरकार ने किया ये बड़ा एलान, कहा अब होगा ऐसा…

जावेद आफताब और 3 अन्य याचियों द्वारा दायर की गई याचिका पर रविवार को सुनवाई करते हुए जज मनोज मिश्रा और जस्टिस दीपक वर्मा की खंडपीठ ने यह निर्देश जारी किया।

 

अदालत ने राज्य सरकार से जवाब भी मांगा है। इससे पहले मो. फैजान के मामले में भी कोर्ट ने स्टे लगा दिया था। फैजान मामले के आधार पर अदालत ने इस मामले में भी रिकवरी नोटिस पर रोक लगाई है। अदालत ने कहा है कि मामले पर अगली सुनवाई 20 अप्रेल को होगी।

दूसरी ओर योगी सरकार की तरफ से नागरिकता कानून हिंसा के आरोपियों के पोस्टर लगाने के मामले में हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है।
चीफ जस्टिस गोविंद माथुर और जस्टिस रमेश सिन्हा की बेंच इस मामले में सोमवार दोपहर 2 बजे अपना फैसला सुनाएगी। अदालत ने इस मामले में स्वत: संज्ञान लेते हुए छुट्टी के दिन यानी रविवार को सुनवाई की।

CAA के विरूद्ध प्रदर्शन के दौरान हिंसा में शामिल लोगों के साथ प्रदेश सरकार सख्ती पर उतारू है। इस मद्देनजर लखनऊ में जिला प्रशासन ने तोडफ़ोड़ के दोषियों के नाम, फोटो और पते के साथ बड़े-बड़े होर्डिंग शहर के चौराहों पर लगवा दिए हैं।

होर्डिंग के अनुसार, आरोप सिद्ध होने के बाद निर्धारित तिथि तक अगर दोषी पाए गए लोगों ने जुर्माना जमा नहीं किया तो उनकी संपत्ति कुर्क की जाएगी।

सरकार के इस कदम को गैरकानूनी बताते हुए कांग्रेस ने कहा कि सरकार न केवल लोगों की अभिव्यक्ति की आजादी का मजाक बना रही है, बल्कि कोर्ट के फैसले को खुलेआम चुनौती दे रही है।

CAA के विरूद्ध यूपी के कई शहरों में जमकर प्रदर्शन और हिंसा हुई थी। इस दौरान सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के एक मामले में बिजनौर प्रशासन को इलाहाबाद हाईकोर्ट से झटका लगा है।

बिजनौर जिलाधिकारी की तरफ से प्रदर्शनकारियों को जारी रिकवरी नोटिस पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है। एडीएम ने 24 फरवरी को ये नोटिस जारी किया था।