मुख्तार अंसारी के साथ होने वाला है ये, तैयारी कर रही योगी सरकार

अंसारी को जबरन वसूली के मामले में जनवरी 2019 से पंजाब की रूपनगर जेल में रखा गया था और सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद बुधवार को उसे बांदा जेल वापस लाया गया था.

वैसे तो वह अक्टूबर 2005 से जेल में है, लेकिन अदालत की अनुमति से वह विधायी कार्यवाही में भाग लेता रहा है. इतना ही नहीं अंसारी ने जेल में रहते हुए 2007, 2012 और 2017 में चुनाव भी जीते हैं.

हालांकि, योगी आदित्यनाथ सरकार ने सत्ता में आने के बाद जेल में बंद विधायकों के विधायी कार्यवाही में भाग लेने की अनुमति देने के कदम का कड़ा विरोध किया था.

सुरेश खन्ना ने कहा, “यदि कोई सदस्य 60 दिनों से ज्यादा समय तक सदन से अनुपस्थित रहता है, तो उस स्थिति में नियमों के अनुसार उसकी सदस्यता को रद्द किया जा सकता है.

यदि कोई उनकी सदस्यता रद्द करने के लिए याचिका दायर करता है, तो सरकार आगे की कार्रवाई को लेकर फैसला करेगी.” विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने भी कहा है कि यह मामला विचाराधीन है.

उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के विधायक और माफिया डॉन मुख्तार अंसारी की यूपी की विधानसभा में सदस्यता खत्म करने की तैयारी कर रही है. अंसारी मऊ विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं. यूपी के संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि इस मामले में कानूनी राय ली जा रही है.