सरकारी नौकरी के लिए योगी सरकार ने आसान किया ये, बढ़ाया लोगो के लिए…

उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने इसके लिए तैयारियां शुरू कर दी है और भर्ती के लिए जो प्रस्ताव पूर्व से आए थे उसे वापस भेजकर इसमें संशोधन कराया जा रहा है।

 

अधीनस्थ सेवा चयन आयोग अध्यक्ष प्रवीर कुमार की मानें तो आयोग सभी भर्तियों में आर्थिक रूप से कमजोरों को 10 फीसदी आरक्षण देने के लिए प्रस्तावों को संशोधित करा रहा है। नए भर्ती विज्ञापनों में इसकी व्यवस्था कराई जाएगी, जिससे शासन की मंशा के अनुरूप इस वर्ग को आरक्षण का फायदा मिल सके।

इसके आधार पर आर्थिक रूप से कमजोरों को 10 फीसदी आरक्षण देना अनिवार्य हो गया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इसका फायदा केवल यूपी में रहने वालों को ही मिलेगा।

यूपी के बाहर वालों को इसका फायदा नहीं मिलेगा। प्रदेश में अनुसूचित जाति के लिए 21 फीसदी, अनुसूचित जनजाति दो फीसदी, अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए 27 फीसदी आरक्षण की व्यवस्था पहले से ही है। आर्थिक रूप से कमजारों को शामिल करने के बाद यह प्रतिशत 60 फीसदी हो जाएगा।

दरअसल, राज्य सरकार ने आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को सरकारी नौकरियों में 10 फीसदी आरक्षण देने का फैसला किया है। इसके तहत उत्तर प्रदेश लोक सेवा (आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए आरक्षण) अधिनियम-2020 जारी किया जा चुका है।

इसके आधार पर आर्थिक रूप से कमजोरों को 10 फीसदी आरक्षण देना अनिवार्य हो गया है। अपर मुख्य सचिव कार्मिक मुकुल सिंहल ने निर्देश भेज रखा है कि इसे कड़ाई से लागू किया जाए।

प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने सरकारियों नौकरियों में आरक्षण का कोटा बढ़ा दिया है। अब यूपी में सरकारी नौकरियों में कुल 60 फीसदी पदों पर आरक्षण होगा। आर्थिक रूप से कमजारों को 10 फीसदी आरक्षण देने के बाद कोटा बढ़ा है।

प्रदेश के सभी भर्ती आयोग अब इसके आधार पर ही करेगा। इसके लिए आयोग ने विज्ञापन निकालकर आवेदन मांगेंगे। खास बात यह है कि इसका फायदा केवल यूपी में रहने वालों को ही मिलेगा। यूपी के बाहर वालों को इसका फायदा नहीं मिलेगा।