कोरोना के चलते इस देश के बिगड़े हालात, 7 दिन में हुआ…

सख्त नियमों के बजाय सरकार ने स्वेच्छा से सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करने और हाईजीन रखने पर जोर दिया है.

हालांकि एक बार नियमों में छूट मिलते ही लोग लापरवाह हो गए. कई जगहों पर लोग सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन भी नहीं कर रहे हैं.

13 मई से लेकर बुधवार तक स्वीडन में प्रति दस लाख नागरिकों पर 6.08 मौतें दर्ज की गई हैं. ये पिछले 7 दिनों का आंकड़ा है. ये पूरी दुनिया में कोरोना वायरस की सबसे ऊंची मृत्यु दर है.इस दौरान यूके में 5.57, बेल्जियम में 4.28, अमेरिका में 4.11, इटली में 2.29, स्पेन में 2.62 और फ्रांस में 2.26 की मृत्युदर रही.

इन देशों में कोरोना वायरस की वजह से स्वीडेन से ज्यादा मौतें हुई हैं. लेकिन पिछले 7 दिनों के दौरान स्वीडन में मृत्युदर सबसे अधिक रही है. मृत्युदर के आंकड़ों में इसने यूरोप के हर देश को पीछे छोड़ दिया है.

स्वीडन में पिछले दिनों वायरस को लेकर सख्त नियम कायदों में छूट दे दी. स्कूल, रेस्टोरेंट, बार और बिजनेस खोल दिए गए. लोगों से कहा गया कि जो लोग घर से काम करना चाहते हैं.

वो ऐसा कर सकते हैं लेकिन ये जरूरी नहीं है.लॉकडाउन (Lockdown) में छूट मिलते ही कोरोना वायरस (Coronoavirus) से होने वाली मृत्युदर पूरी दुनिया में सबसे अधिक हो गई है. पिछले दिनों यहां लॉकडाउन के खत्म होते ही कोरोना वायरस से होने वाली मौतें बढ़ गई हैं.

द सन की एक रिपोर्ट के मुताबिक स्वीडन में कोरोना वायरस की वजह से पूरी दुनिया में मृत्युदर प्रति व्यक्ति सबसे अधिक है. स्वीडन की सरकार ने पिछले दिनों लॉकडाउन में छूट दी थी.

सरकार का मानना था कि लॉकडाउन में नरमी का फायदा लंबे वक्त के लिए होगा. स्वीडन में रेस्टोरेंट, बार और दूसरे बिजनेस खोल दिए गए.