भारत के नेपाल के साथ रिश्ते जितने मजबूत रहे हैं उतने दुनिया में किसी और देश के साथ नहीं. दोनों देशों के लोग न सिर्फ एक-दूसरे के यहां बिना पासपोर्ट के यात्रा कर सकते हैं .
बल्कि रह भी सकते हैं और काम भी कर सकते हैं.नेपाल के नए नक्शे के समर्थन में नेशनल असेंबली में 57 वोट पड़े जबकि विरोध में किसी ने वोट नहीं डाला. इस तरह से यह विधेयक सर्वसम्मति से नेशनल असेंबली से पारित हो गया.
8 मई को भारत ने उत्तराखंड के लिपुलेख से कैलाश मानसरोवर के लिए सड़क का उद्घाटन किया. भारत के इस कदम से नेपाल नाराज हो गया और प्रधानमंत्री केपी ओली शर्मा ने 20 मई को उनके देश का एक नया नक्शा जारी कर दिया.
वोटिंग के दौरान संसद में विपक्षी नेपाली कांग्रेस और जनता समाजवादी पार्टी-नेपाल ने संविधान की तीसरी अनुसूची में संशोधन से संबंधित सरकार के विधेयक को अपना समर्थन दिया.
हालांकि पिछले कुछ समय से दोनों देशों के बीच जमीन के एक हिस्से को लेकर विवाद बना हुआ है. इसका असर दोनों देशों के रिश्ते पर भी पड़ रहा है.
नेपाल की संसद के उच्च सदन नेशनल असेंबली ने देश के विवादित राजनीतिक नक्शे को लेकर पेश किए गए संविधान संशोधन विधेयक को अपनी मंजूरी दे दी. इस दौरान सत्ताधारी नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी के संसदीय दल के नेता दीनानाथ शर्मा ने कहा कि भारत का लिपुलेख, कालापानी और लिम्पियाधुरा पर अवैध रूप से कब्जा है और उसे नेपाली जमीन को लौटा देना चाहिए.