महिला ने अपने ब्वॉयफ्रेंड के साथ रात बिताने के लिए तोड़ दिया दरवाजे का हैंडल, फिर 3 बच्चों को…

अवैध रिश्तों में इंसान किस कदर अंधा हो सकता है, ये उस वक्त देखने को मिला जब एक महिला ने अपने ब्वॉयफ्रेंड के साथ रात बिताने के लिए अपने ही तीन मासूम बच्चों को एक कमरे में बंद कर दिया। एक ऐसे कमरे में, जहां एक बाल्टी, टॉयलेट पेपर और बैग के अंदर रखे स्नैक्स के कुछ पैकेट के अलावा कुछ नहीं था। कमरे के अंदर रोशनी के नाम पर सिर्फ एक लैंप था, जो तारों से घिरा हुआ था। बच्चे कमरे से बाहर ना निकल सकें, इसके लिए महिला ने दरवाजे का हैंडल भी तोड़ दिया। महिला अपने ब्वॉयफ्रेंड के साथ रात बिताकर जब अगली सुबह घर लौटी तो पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया।

बच्चे बाहर ना निकल सकें, इसलिए तोड़ दिया दरवाजे का हैंडल

डेली मेल की खबर के मुताबिक मामला इंग्लैंड के लंकाशायर इलाके का है। 32 वर्षीय इस महिला का पति उसके साथ नहीं रहता था। महिला को अपने ब्वॉयफ्रेंड से मिलने जाना था और रात में उसके साथ ही होटल में रुकना था। होटल जाने से पहले महिला ने अपने तीनों बच्चों, जिनमें से एक की उम्र तीन साल, दूसरे की पांच साल और तीसरे बच्चे की उम्र सात साल थी, उन्हें एक कमरे के अंदर बंद कर दिया। महिला ने बच्चों के लिए एक बैग में कुछ स्नैक्स के पैकेट रख दिए। बच्चे बाहर निकलने की कोशिश ना करें, इसलिए उसने दरवाजे का हैंडल भी तोड़ दिया। महिला जिस दिन अपने बच्चों को छोड़कर गई, उसी दिन उसके बड़े बेटे का बर्थडे भी था।

ब्वॉयफ्रेंड को बुलाती थी बेब, खुद बुक किया कमरा

किसी तरह जब पिता को पता चला कि उसके बच्चों को उनकी मां कमरे में बंद कर गई है तो उसने पुलिस को सूचना दी। सूचना पाकर पुलिस मौके पर पहुंची और बच्चों का बाहर निकाला। बच्चों को बाहर निकालने के बाद पुलिस उस वक्त और ज्यादा चौंक गई, जब पांच साल की बच्ची ने बताया कि उनकी मां आज दोबारा उन्हें इस तरह अकेला छोड़कर गई है। महिला अगले दिन सुबह 8 बजे अपने घर पहुंची, जहां पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। महिला के मोबाइल की जांच करने पर पुलिस को पता चला कि उसने एक दिन पहले होटल ‘हॉलिडे इन एक्सप्रेस’ में एक कमरा बुक किया था। मोबाइल के मैसेज से ही पुलिस को पता चला कि महिला होटल में रात को एक शख्स के साथ रुकी, जिसे उसने मैसेज में ‘बेब’ नाम से बुलाया हुआ था।

पुलिस ने दरवाजा तोड़कर बच्चों को बाहर निकाला

महिला ने पुलिस को बताया कि उसने अपनी बहन से बच्चों का ध्यान रखने के लिए कहा था, लेकिन जब उसकी बहन ने मना कर दिया तो वो बच्चों को कमरे के अंदर बंद करके चली गई। पुलिस जब मौके पर पहुंची तो उसने देखा कि कमरों के अंदर से बच्चों के रोने की आवाज आ रही है। पुलिस के साथ बच्चों के पिता भी मौजूद थे, जिन्होंने बच्चों से कहा कि वो दरवाजे से दूर हटकर खड़े हो जाएं। बच्चे जब दरवाजे से हट गए, तब पुलिस ने दरवाजा तोड़कर बच्चों को बाहर निकाला। इसके बाद तीनों बच्चे अपने पिता के साथ चले गए।

कोर्ट ने सुनाई 18 महीने की सजा

महिला को गिरफ्तार करने के बाद पुलिस ने उसे कोर्ट में पेश किया और लंबी सुनवाई के बाद महिला को बाल उपेक्षा के अपराध का दोषी मानते हुए 18 महीने की जेल की सजा सुनाई गई। इसके साथ ही महिला को 150 घंटे की सामुदायिक सेवा करने के लिए भी कहा गया है। हालांकि फिलहाल दो साल के लिए उसकी 18 महीने की सजा को स्थगित कर दिया गया है। महिला के वकील ने कोर्ट में बताया कि महिला का उसके पति के साथ विवाद रहता था, इसलिए दोनों अलग रहते थे।