चीन का खात्मा करेंगे ये सारे देश , शुरू की तैयारी बड़ी-बड़ी मिसाइलो के साथ…

ऐसे में इस अभ्यास में पनडुब्बी रोधी या हवाई युद्ध रोधी अभियान होंगे। वहीं हथियारों से फायरिंग का भी अभ्यास किया जाएगा। मालाबार अभ्यास 1992 में भारतीय नौसेना और अमेरिकी नौसेना के बीच हिंद महासागर में एक द्विपक्षीय अभ्यास के रूप में शुरू हुआ था। फिर बाद में, 2015 में जापान इसका स्थायी सदस्य बना।

 

बता दें, इस सैन्य अभ्यास में भारतीय नौसेना रणविजय, युद्ध पोत शिवालिक, समुद्र तटीय गश्ती नौका सुकन्या, जहाजों के बेड़े को सहायता पहुंचाने वाले पोत शक्ति और पनडुब्बी सिंधुराज को सम्मिलित करेगी।

ऐसे में धोखेबाज चीन की बढ़ती आक्रामकता को रोकने के लिए अमेरिका सुरक्षा के तौर पर क्वाड का समर्थन कर रहा है। जिससे चीन की चिंताएं अब बढ़ाना शुरू होंगी।

इसके साथ ही क्वाड सदस्य राष्ट्रों के विदेश मंत्रियों की टोक्यो में बैठक के दो हफ्ते बाद भारत ने ऑस्ट्रेलिया को अभ्यास में हिस्सा लेने के लिए आमंत्रित किया था।

जापान में हुई इस बैठक में चारों देशों के बीच हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने पर काफी लंबी वार्ता की गई थी। इस बारे में अधिकारियों ने बताया कि पहले चरण में जटिल और अत्याधुनिक नौसेना अभ्यास होंगे।

सेनाओं के बीच ये सैन्य अभ्यास तीन दिन तक चलेगा और शुक्रवार को खत्म होगा। ऐसे में चारों देशों के नौसेना अभ्यास का दूसरा चरण 17-20 नवंबर के बीच अरब सागर में शुरू होगा। साथ ही बीते हफ्ते भारत ने यह घोषणा की थी कि ऑस्ट्रेलिया भी इस अभ्यास का हिस्सा होगा, जिस पर अमेरिका ने रजामंदी जताई थी।

आज यानी मंगलवार से लद्दाख सीमा लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल(LAC) पर चीन से चल रहे विवाद के बीच भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया के मालाबार नौसेना अभ्यास का पहला चरण शुरू हो गया है।

इन सभी देशों की सेनाओं के बीच ये अभ्यास बंगाल की खाड़ी में विशाखापट्टनम में शुरू हुआ है। यह अभ्यास इन चारों देशों के बीच रणनीतिक संबंध को दर्शाता है। चीन की नापाक हरकतों से त्रस्त होकर तमाम देशों ने एकजुट होकर ये फैसला लिया है।