WHO ने दी ये बड़ी चेतावनी, कहा दुनिया के 90% देशों का टूटने वाला है…

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कहा है कि कोरोना वायरस की वैक्सीन को मंज़ूरी देने की प्रक्रिया को ‘गंभीरता’ से लिए जाने की ज़रूरत है. संयुक्त राष्ट्र के स्वास्थ्य संगठन की मुख्य वैज्ञानिक सौम्या स्वामीनाथन ने पत्रकारों से कहा कि सभी देश ट्रायल पूरा किए बिना दवाओं को मंज़ूरी देने का अधिकार रखते हैं .

 

मगर यह कोई ‘हल्के में लिया जाने वाला काम नहीं है.’ WHO का कहना है कि इस समय 33 वैक्सीन का क्लीनिकल ट्रायल चल रहा है जबकि 143 टीके अभी प्री क्लीनिकल इवैल्युएशन के चरण में हैं.

संगठन ने साफ़ कहा है कि जो देश बिना क्लीनिकल ट्रायल पूरे किये वैक्सीन का इस्तेमाल करने के बारे में सोच रहे हैं उन्हें बुरे नतीजे भुगतने पड़ सकते हैं.

मध्यम और कम आय वाले देशों को सबसे ज़्यादा मुश्किलों का सामना करना पड़ा. आधे से ज़्यादा देशों में गर्भनिरोध और फैमिली प्लेनिंग (68%), मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं का इलाज (61%) और कैंसर का इलाज (55%) प्रभावित हुआ. एक चौथाई देशों में जीवनरक्षक आपातकालीन सेवाएं प्रभावित हुईं.

WHO के मुताबिक कोरोना के चलते कई रूटीन अपॉइंटमेंट और स्क्रीनिंग कैंसल करनी पड़ रही हैं. वहीं महामारी की वजह से कैंसर के इलाज जैसे क्रिटिकल केयर पर भी बहुत बुरा असर पड़ा.

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के एक सर्वे में सामने आया है कि दुनिया के 90% से ज्यादा देशों का हेल्थ सिस्टम कोरोना (Coronavirus) की वजह से बुरी तरह प्रभावित हुआ है.

मार्च से जून के बीच मिले डेटा से पता चलता है कि स्वास्थ्य व्यवस्थाएं (Health System) चरमरा रही हैं और ऐसे ही चलता रहा तो इनका और ज्यादा दिनों तक टिका रहना काफी मुश्किल होगा. WHO ने चेताया है कि जो देश बिना तैयारी के लॉकडाउन हटा रहे हैं, वे तबाही को बुलावा दे रहे हैं.