माता संतोषी को ऐसे करें प्रसन्न, जानिए पूजा करने का तरीका

मां संतोषी के समक्ष घी का दिया जलाकर उनको अक्षत, फूल, नारियल, इत्र और लाल वस्त्र अर्पित करें। उसके बाद माता को गुड़ चना का भोग लगायें और उनकी कथा पढ़ें।संतोषी माता की जय बोलकर माता की कथा आरम्भ करें। इस व्रत को करने वाला कथा कहते व सुनते समय हाथ में गुड़ और भुने चने रखें।

कथा समाप्त होने पर उनकी आरती करें और बाद में गुड़ चना का प्रसाद सबमें बांट दें। अंत में जल को घर में छिड़कें और बचे हुए जल को तुलसी को अर्पित करें।  इस प्रकार सारे 16 शुक्रवार का नियमित व्रत रखें और पूजन करें।

पंडित सुनील शर्मा के अनुसार मां संतोषी की पूजा अर्चना शुक्रवार को पूरे विधि विधान से करना चाहिए। ब्रह्म महूर्त में उठें और साफ-सफाई कर, स्नानादि करके निवृत्त हो जाएं। घर के पूजन स्थल पर माता संतोषी की मूर्ति या चित्र की स्थापना करें।  एक बड़े पात्र में शुद्ध जल कलश में भरकर उनके समक्ष रखें और कलश के ऊपर एक कटोरी में गुड़ चना भी रखें।

पंडित सुनील शर्मा के अनुसार संतोषी माता को सुख, संतोष और सौभाग्य की देवी मानी जाती हैं। माता संतोषी देवों में श्रेष्ठ श्रीगणेश और माता रिद्धि-सिद्धि की पुत्री हैंञ उनका धान्य, सोना, चांदी, मूंगा, रत्नों से भरा परिवार है।

इसलिए उनकी प्रसन्नता परिवार में सुख-शांति तथा मनोकामनाएं पूर्ति कर शोक विपत्ति चिन्ता परेशानियों को दूर कर देती है। तो आइए जानते हैं मां संतोषी की व्रत पूजन विधि…

सनातन धर्म में सप्ताह के दिनों के निश्चित कारक देव व देवी माने गए हैं। ऐसे में जहां भाग्य के कारक शुक्र ग्रह के वार यानि शुक्रवार की कारक देवी मां लक्ष्मी को माना गया है। वहीं शुक्रवार को माता संतोषी का दिन भी माना जाता है।

सुख-शांति और सौभाग्य पाने के लिए स्त्री-पुरूष मां संतोषी की पूजा अर्चना करते हैं। मां संतोषी को प्रसन्न करने के लिए 16 शुक्रवार तक व्रत किए जाते हैं। इस दिन सुबह जल्दी उठकर, घर की पूरी सफाई करनी चाहिए. बाद में स्नानादि करके माता की पूजा पूरे विधि विधान के साथ करनी चाहिए।