अमेरिका ने चाइना पर लगाया अब तक का सबसे बड़ा आरोप, कहा ये तो…

वांग ने चाइना की हुआझिंग युनिवर्सिटी के साथ अपनी संबद्धता का खुलासा नहीं किया। वह जीवन साइंस व टेक्नोलॉजी के कॉलेज के डीन थे।

 

वांग ने चाइना के 1000 टेलेंट कार्यक्रम में भाग लिया था। उन्हें चाइना से 3 मिलियन डॉलर का अनुदान मिला था व उन्होंने ये बात अमेरिकी सरकार से छिपाई थी।

वांग एक अमेरिकी नागरिक है जो चाइना में पैदा हुए। वह अनुवांशिकी व दिल रोग के विशेषज्ञ हैं। वांग 1997 से क्लीवलैंड क्लिनिक से जुड़े थे व हाल ही में उन्हें निकाल दिया गया था।

अधिकारियों ने अरैस्ट करने से पहले वांग के ओहियो के घर की तलाशी ली थी। वैंग का मुद्दा हार्वर्ड के प्रोफेसर चार्ल्स लिबर के मुद्दे से बहुत ज्यादा मिलता-जुलता है।

60 वर्षीय लिबर को जनवरी में हिरासत में लिया गया था। लिबर ने चाइना के साथ अपने संबंधों को छिपाया था। उन्होंने भी चाइना के 1000 टेलेंट कार्यक्रम में भाग लिया था।

वैज्ञानिक को भी हाल ही में हिरासत में लिया गया था। 63 वर्षीय इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग प्रोफेसर साइमन सौ-तोंग आंग। वह अर्कांसस-फेएटविले युनिवर्सिटी में एक शोधकर्ता भी हैं।

उन्हें 8 मई को वायर धोखाधड़ी के आरोप में हिरासत में लिया गया था। अधिकारियों का बोलना है कि एंग ने नासा व विश्वविद्यालय दोनों को धोखा दिया है।

FBI ने पिछले हफ्ते दो गिरफ्तारियां की हैं। 13 मई को ओहियो से डाक्टर क्विंग वांग को हिरासत में लिया गया है। वांग क्लीवलैंड क्लिनिक के पूर्व कर्मचारी हैं।

उन्हें 3.6 मिलियन डॉलर के संघीय अनुदान से जुड़ी धोखाधड़ी के आरोप में हिरासत में लिया गया था। अभियोजकों का बोलना है कि वांग ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थान से अनुदान स्वीकार किया व इसकी शर्तों का उल्लंघन किया।

अमेरिकी सरकार को पूरा भरोसा है कि चाइना कोरोना वायरस रिसर्च के लिए उसके सिस्टम की जासूसी कर रहा है। ट्रंप प्रशासन का बोलना है कि उसके अस्पतालों, रिसर्च लैबों, फार्मा कंपनियों व हेल्थ केयर से जुड़ी कंपनियों पर चाइना साइबर हमले कर रहा है,

जिसकी तह तक पहुंचने के लिए अमेरिका कोई कसर नहीं छोड़ना चाहता। अमेरिका में चाइना के लिए जासूसी करने के शक में कई हाई-प्रोफाइल गिरफ्तारियां की गई हैं।