चाइना के विरूद्ध इस देश का साथ चाहता है अमेरिका, पेश किया…

सेनेटर ने चाइना की आलोचना करते हुए बोला कि चीनी सरकार ने जानबूझकर कोरोना वायरस की जानकारी छिपाई, जिसके चलते इसने महामारी का रूप लिया व लाखों लोगों को जान गंवानी पड़ी।

 

यह ऐसा देश है, जो अपने ही नागरिकों को डिटेंशन कैंपों में कैद कर रहा है, अमेरिका की तकनीक व नौकरियां चुरा रहा है व हमारे सहयोगियों की संप्रभुता के लिए खतरा उत्पन्न कर रहा है’।

उन्होंने आगे बोला कि यह अमेरिका के साथ-साथ पूरी संसार के लिए जागने का समय है। मेरी यह योजना COVID -19 के बारे में झूठ बोलने के लिए चीनी सरकार को जवाबदेह ठहराएगी।

इसके माध्यम से अमेरिकी अर्थव्यवस्था व लोगों के स्वास्थ्य की रक्षा के साथ ही चाइना पर प्रतिबंध भी लगाया जाएगा। अमेरिकी सेनेटर ने दोहराया कि चाइना कोरोना के नुकसान व खतरे को बखूबी जानता था, लेकिन वह इसे छिपाता रहा। यदि चाइना सरकार ने ठीक समय पर जानकारी मुहैया कराई होती, तो लाखों लोगों को बचाया जा सकता था।

इस 18-सूत्रीय योजना के तहत सैन्य साजोसामान के लिए 20 बिलियन अमेरिकी डॉलर की फंडिंग को तत्काल मंजूर करने की मांग की गई है।

साथ ही इसमें क्षेत्रीय सहयोगियों के साथ रिश्तों को मजबूत करने, भारत, ताइवान व वियतनाम के साथ सैन्य उपकरणों की बिक्री को बढ़ाने का भी जिक्र है।

सेनेटर की योजना में बोला गया है कि चाइना में उपस्थित सभी मैन्यूफैक्चरिंग कंपनियों को अमेरिका वापस लाया जाए। साथ ही अमेरिका धीरे-धीरे सामान के मुद्दे में चाइना पर निर्भरता कम करे।

चाइना को हमारी तकनीक चुराने से रोका जाए व अमेरिकी कंपनियों को हमारी तकनीकी फिर से हासिल करने के लिए प्रोत्साहन प्रदान किया जाए। चीनी हैकरों से बचने के लिए साइबर सुरक्षा को मजबूत किया जाए।

कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के साथ ही पूरी संसार में चाइना को लेकर गुस्सा बढ़ता जा रहा है। इस बीच, अमेरिकी सेनेटर थॉम टिलिस ने एक 18-सूत्रीय योजना पेश की है,

जिसका उद्देश्य क्षेत्रीय सहयोगियों की मदद से चीनी सरकार को COVID-19 पर उसके झूठ, धोखे व जानकारी गुप्त रखने के लिए जिम्मेदार ठहराना है।

खास बात यह है कि टिलिस ने अपनी इस योजना में हिंदुस्तान के साथ सैन्य संबंध बढ़ाने पर जोर दिया है। सीधे शब्दों में कहें, तो चाइना के विरूद्ध योजना में अमेरिका हिंदुस्तान का साथ चाहता है।