चीन के खिलाफ अमेरिका ने उठाया ये सख्त कदम, शुरू किया…

अमेरिका के विदेश विभाग ने कहा कि इस नरसंहार के तहत दस लाख से अधिक नागरिकों को मनमाने तौर पर जेल में डाल दिया गया। उनकी शारीरिक स्वतंत्रता को अन्य गंभीर तरीके से नुकसान पहुंचाया गया।

इसमें नसबंदी के लिए मजबूर करना, महिलाओं का जबरदस्ती गर्भपात, और और चीन की जन्म नियंत्रण नीतियों का अधिक प्रतिबंधात्मक अनुप्रयोग, दुष्कर्म, बड़ी संख्या में मनमाने ढंग से हिरासत में लिए गए लोगों को यातना, जबरन मजदूरी कराना और धर्म की स्वतंत्रता या विश्वास, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, और आंदोलन की स्वतंत्रता पर लगाए गए प्रतिबंध शामिल हैं।

पश्चिमी देशों और चीन के बीच तनाव के बीच यह रिपोर्ट आई है। संयुक्त राज्य अमेरिका, यूरोपीय संघ और यूनाइटेड किंगडम ने उइगरों के विरूद्ध अत्याचार के लिए जिम्मेदार चीनी अधिकारियों के विरूद्ध प्रतिबंध लगाए।

वाशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार पूर्व अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन के कार्यकाल के दौरान शिनजियांग में पहली बार आधिकारिक तौर पर नरसंहार की बात कही थी।

इसके बाद अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन ने अमेरिकी संसद (कांग्रेस) में सुनवाई के दौरान पोम्पियओ के आकलन की पुष्टि की थी। लेकिन मंगलवार की रिपोर्ट में नरसंहार शब्द का समावेश आधिकारिक अमेरिकी मूल्यांकन के रूप में अमेरिकी दृष्टिकोण को औपचारिक बनाता है।

‘2020 कंट्री रिपोर्ट्स ऑन ह्यूमन राइट्स प्रेक्टिसेज’ की रिपोर्ट में चीन के शिनजियांग प्रांत में उइगर अल्पसंख्यकों के विरूद्ध कथित मानवाधिकार उल्लंघनों को लेकर अमेरिकी विदेश विभाग ने कहा कि ‘2020 में शिनजियांग प्रांत में मुख्य रूप से मुस्लिम उइगरों और अन्य जातीय और धार्मिक अल्पसंख्यक समूहों के विरूद्ध जो नरसंहार हुए, वह इंसानियत के विरूद्ध अपराध है।’

अमेरिका के जो बाइडन प्रशासन ने मंगलवार को चीन के शिनजियांग प्रांत में मुस्लिम उइगर समुदाय और अन्य जातीय और धार्मिक अल्पसंख्यक समूहों के विरूद्ध चीनी कार्रवाई को ‘नरसंहार’ घोषित किया।