केंद्रीय गृह मंत्रालय से जुड़े सूत्रों ने बताया कि जामिया मिल्लिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी (Jamia Millia Islamia University) की हिंसा के पीछे कुछ संगठित समूहों का हाथ होने कि सम्भावना है।
जामिया के विद्यार्थियों (Students) की आड़ में इस घटना को अंजाम दिया गया है। इस घटना में 40 से 50 बाहरी लोगों के शामिल होने की जानकारी भी सामने आ रही है। ऐसे लोगों का जामिया यूनिवर्सिटी से कोई लेना-देना नहीं है। सूत्रों की मानें तो दिल्ली पुलिस ने भी इस आशय की एक रिपोर्ट गृह मंत्रालय (Home Ministry) को सौंपी है।
जामिया हिंसा मुद्दे में आरोपी 10 युवक गिरफ्तार
वहीं के बाहर 15 दिसंबर की रात हुए बवाल में दिल्ली पुलिस ने 10 युवकों को हिरासत में लिया है। पुलिस का बोलना है कि पकड़े गए सभी युवकों का आपराधिक रिकॉर्ड है। हालांकि पुलिस ने यह भी साफ किया कि इनमें से कोई भी जामिया यूनिवर्सिटी का विद्यार्थी नहीं है। पुलिस ने बवाल के दौरान बस जलाने के मुद्दे में आरोपी युवकों से पूछताछ प्रारम्भ कर दी है। साथ ही यह बोला कि विद्यार्थियों को अभी क्लीन चिट नहीं दी गई है व मुद्दे की जाँच की जा रही है।
पुलिस ने दर्ज किए थे दो मामले
जामिया में भड़की हिंसा को लेकर दिल्ली पुलिस ने सोमवार को दो केस दर्ज किए थे। पहला केस न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी व दूसरा मुद्दा जामिया नगर थाने में दर्ज किया गया। पुलिस ने आगजनी, दंगा फैलाने, सरकारी संपत्ति को नुकसान व सरकार कार्य में बाधा पहुंचाने के तहत केस दर्ज किया है।
नदवा व DU में भी हुआ था विरोध-प्रदर्शन
जामिया हिंसा के बाद लखनऊ के नदवा कॉलेज व दिल्ली यूनिवर्सिटी में भी विरोध-प्रदर्शन हुआ था। सोमवार को नदवा के गेट पर पथराव घटना हुई थी। वहीं डीयू के विरोध-प्रदर्शन को रोकने के लिए दिल्ली पुलिस व सीआरपीएफ के जवानों पर डीयू के अंदर दाखिल होने का भी आरोप लगा था।