चीन ने अमेरिका की इस कार्रवाई की भरसक निंदा करते हुए उसके अंदरूनी मामलों में हस्तक्षेप बताया है, ताइवान ने बिच-बचाव करते हुए सफ़ाई दे डाली है कि अमेरिकी युद्धपोत की यह नियमित और सामान्य ड्रिलिंग का एक हिस्सा है।
इसके साथ ही ताइवानी लड़ाकू जहाज़ और पनडुब्बियां अमेरिकी युद्धपोत की सुरक्षा में जुट गए हैं। यू एस प्रशांत फलीट यू एस एस रसेल एक आर्लेघ बुर्क़े डिस्ट्रायर के नाम से चर्चित है।
हगकांग के बाद चीन ने ताइवान पर फ़ोकस किया है। अमेरिकी युद्धपोत ने चीन मैनलैंड और ताइवान को मिलाने वाली ‘ताइवान स्ट्रेट में डेरा जमा लिया है।
चीन बरबार दावा कर रहा है कि हांगकांग की तरह ताइवान भी एक देश दो व्यवस्था प्रणाली के अंतर्गत आते हैं और वह ज़रूरत पड़ने पर बल का भी प्रयोग कर सकता है।
अमेरिका ने जब से इस स्वस्वशासी ताइवानी द्वीप को आधुनिकटम अस्त्र-शस्त्र बेचने शुरू किए हैं, चीन अभी तक कोई आक्रामक कार्रवाई तो नहीं कर सका है, लेकिन आराम की नींद भी नहीं सो पाया है।