अमेरिका ने पाकिस्तान को दिया ये जवाब , कहा- तालिबान को समर्थन देना…

किर्बी ने आगे बताया कि हमें इस बात का ध्यान है कि पाकिस्तान के लोग भी उस क्षेत्र में होने वाली आतंकी गतिविधियों के शिकार होते हैं। ऐसे में उन सुरक्षित ठिकानों को बंद करने और तालिबान को उसका इस्तेमाल न करने की साझा भावना है। हम पाकिस्तान के साथ बात कर रहे हैं।

बता दें कि अफगानिस्तान में तालिबान ने हमले तेज कर दिए हैं। तालिबान ने दो दिनों में पांच प्रदेशों की राजधानियों पर कब्ज़ा कर लिया है। हेरात और कंधार जैसे शहरों में अफगान सेना और तालिबान के बीच लड़ाई जारी है।

अफगान और अमेरिकी वायु सेना तालिबान के हमले के जवाब में हवाई हमले कर रही है। अमेरिका और अफगानिस्तान ने तालिबान को मदद पहुंचाने के लिए पाकिस्तान की लगातार आलोचना की है। अफगानिस्तान ने हाल के दिनों में कई बार कहा है कि युद्ध से तबाह देश को बर्बाद करने के लिए पाकिस्तान हज़ारों आतंकियों को भेज रहा है।

एक सवाल के जवाब में किर्बी ने बताया, ‘अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच सीमा पर मौजूद सुरक्षित पनाहगाहों के बारे में पाकिस्तानी नेतृत्व के साथ हमारी बातचीत जारी है।

हमें इस बात का ध्यान है कि सुरक्षित पनाहगाह अफगानिस्तान के अंदर असुरक्षा और अस्थिरता के स्रोत बने हुए हैं। हम पाकिस्तानी नेताओं के साथ उस चर्चा के बारे में संकोच नहीं कर रहे।’

अमेरिका ने कहा है कि वह अफगानिस्तान-पाकिस्तान सीमा पर तालिबान आतंकियों के लिए सुरक्षित पनाहगाहों को बंद करने को लेकर इमरान सरकार से बातचीत कर रहा है।

इसी को लेकर अमेरिकी रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन ने पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा से फोन पर बात की है। पेंटागन के प्रेस सचिव जॉन किर्बी ने बताया, ‘ऑस्टिन ने 9 अगस्त को जनरल बाजवा के साथ कॉल पर अफगानिस्तान की मौजूदा स्थिति, क्षेत्रीय सुरक्षा मसले और द्विपक्षीय रक्षा संबंधों पर चर्चा की। ऑस्टिन ने अमेरिका-पाकिस्तान संबंधों में सुधार जारी रखने को लेकर बात की है।’