भारतीय सीमा के तीन इलाकों को इस देश ने बताया अपना, मचा हडकंप

संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए बोला कि देश के नए मैप में उस इलाकों को दिखाया जाएगा, जिसे हम अपना मानते हैं।

 

राष्ट्रपति बिद्या देवी भंडारी (Bidhya Devi Bhandari) ने बोला था कि लिंपियाधुरा, लिपुलेख व कालापानी इलाके नेपाल में आते हैं व इन्हें फिर से बसाने के लिए ठोस कदम भी उठाए जाएंगे। उन्होंने आगे बोला था, ‘नेपाल के आधिकारिक मैप में इन सभी इलाकों को शामिल किया जाएगा। ‘

पिछले दिनों रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने धारचूला से लिपुलेख तक नयी रोड का उद्घाटन किया था। इसका काठमांडू ने विरोध किया था।

इस सड़क से कैलाश मानसरोवर जाने वाले तीर्थयात्रियों को कम समय लगेगा। जिसके बाद नेपाल के विदेश मंत्री प्रदीप कुमार ग्यावली ने हिंदुस्तान के राजदूत विनय मोहन क्वात्रा से मुद्दे को उठाया था।

इस विषय में हिंदुस्तान ने जवाबा में अपनी स्थिति साफ करते हुए बोला था कि उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में हाल ही में बनी पूरी रोड हिंदुस्तान के इलाके में हैं।

भारत व नेपाल (India-Nepal Dispute) के बीच चल रहा टकराव कोई नयी बात नहीं है। आपकी जानकारी के लिए बताते चलें कि वर्ष 1816 में सुगौली की संधि के तहत, नेपाल के राजा ने कालापानी व लिपुलेख समेत अपने कुछ इलाकों के हिस्सों को ब्रिटिशों को सौंप दिया था।

भारत (India) के पड़ोसी नेपाल (Nepal) ने अपने देश के नए विवादित मैप (Controversial map) को मंजूरी दी है, जिसमें भारतीय सीमा के कम से कम तीन इलाकों को नेपाल में दिखाया गया है।

पीएम केपी शर्मा ओली के नेतृत्व में कैबिनेट की मीटिंग में सोमवार को इस विवादित नक्शे को मंजूरी दी गई। नेपाल के नए मैप के मुताबिक, लिंपियाधुरा, लिपुलेख व कालापानी नेपाल में हैं, जबकि ये इलाके हिंदुस्तान में आते हैं।