कोरोना से बचने के लिए दस वर्ष की इस बच्ची ने किया ऐसा काम, देख माता – पिता हुए हैरान

हयात इस्लामिया स्कूल श्रीनगर में छठी कक्षा की छात्रा है. तीन दिन पूर्व हयात के परिजन जब घर से मार्केट के लिए निकले तो उसने उन्हें मास्क पहनने के लिए कहा, लेकिन उनका बोलना था कि मार्केट में मास्क नहीं मिले. इस कारण वे ऐसे ही जा रहे हैं.

यह कहकर परिवार के लोग घर से चले गए, लेकिन जब वापस लौटे तो यह देखकर दंग रह गए कि हयात ने उनके लिए मास्क तैयार कर लिए थे.

इसके लिए उसने घर में ही रखे सामान का प्रयोग किया था. परिजनों नेजब मास्क पहने तो बिलकुल ठीक थे. डबल लेयर के यह मास्क सभी को पसंद आए. माता-पिता के बाद उसने अपने चाचा और अन्य संबंधियों के लिए भी मास्क बनाए.

हयात के पिता तनवीर इंजीनियर हैं व मां नईमा सुल्तान होम्योपैथी चिकित्सक हैं. दोनों बेटी के इस कार्य को देखकर बहुत खुश हुए.

उन्होंने उससे मोहल्ले के अन्य लोगों के लिए भी मास्क बनाने को कहा. उसका साथ उसकी छोटी बहन दोहा भी दे रही है. तीन दिन में ही करीब सौ मास्क बनाकर लोगों में बांटे हैं.

दस वर्ष की हयात का बोलना है कि वह टीवी में चाइना में कोरोना वायरस से पीड़ित होने वालों की हालत देख रही थीं. जब उसने इसकी रोकथाम के बारे में पढ़ा.

इसमें मास्क पहनने की बात भी थी. अब जब पता चला कि मास्क नहीं है तो उसने यही बनाना प्रारम्भ कर दिए. उसने बोला कि मॉस्क बनाने में अभी तक उसने घर पर पड़ा सामान ही प्रयोग किया है.

मास्क बनाने में काटन के लिफाफों के अतिरिक्त टिश्यू पेपर व इलास्टिक का प्रयोग कर रही हूं. इसमें कोई खर्च नहीं आया.

समाज के प्रति जिम्मेदार होने व लोगों को जागरूक करने के लिए आयु कोई अर्थ नहीं रखती, बस सोच परिपक्व होनी चाहिए. यह बात साबित की है श्रीनगर के पीरबाग की रहने वाली हयात ने.

कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाने के लिए दस वर्ष की हयात ने घर पर खुद ही मास्क बनाकर न सिर्फ परिवार व पड़ोसियों को दिए, बल्कि लोगों को जागरूक भी किया. इतना ही नहीं, वह लोगों को मास्क बनाने का उपाय भी सिखा रही है. इसमें उसकी छह वर्ष की बहन भी साथ दे रही है.