टिड्डियों के दल ने यहाँ किया हमला, पूरी तरह कर दिया…

नजफगढ में किसानों के नेता और भारतीय किसान यूनियन दिल्ली प्रदेश के अध्यक्ष वीरेंद्र डागर ने बताया कि सबसे पहले साल 1952 में पाकिस्तान से आई टिड्डी दलों का हमला राजस्थान, गुजरात, दिल्ली सहित यूपी के कुछ जिलों के किसानों को झेलना पडा था।

 

गांव के बुजुर्ग किसान बताते हैं कि उस समय हाल यह था कि टिड्डी दलों ने खेतों को नुकसान पहुंचाने के साथ ही साथ हरे पेडों को भी नहीं छोडा था। वो उनकी सारी हरी पत्तियों को चट कर गए थे।

इसके बाद दूसरी बार साल 1960-61 में राजस्थान-गुजरात की तरफ से टिड्डी दलों का हमला हुआ और किसानों की खडी फसल को काफी नुकसान पहुंचा था। उस समय भू-राजस्व विभाग के पटवारियों की ड्यूटी लगाकर खेतों में रसायन का छिडकाव किया गया था।

किसानों को बदहाल करने वाले इन टिड्डी का हमला दिल्ली के लिए नया नहीं है। दिल्ली के किसानों का कहना है कि वो एक वो दौर भी देख चुके हैं जब हमला बोल इन्होंने पूरे हरे पेडों की पत्तियों तक को चट कर डाला था और खडी फसलों कोे बहुत नुकसान पहुंचाया था।

बता दें कि टिड्डियों का हमला राजधानी के किसानों के लिए नया नहीं है, इससे पहले भी दो बार किसान इनके चलते बेहद परेशानी का सामना कर चुके हैं।

पाकिस्तान से होते हुए राजस्थान और हरियाणा के रास्ते दिल्ली-एनसीआर की ओर बढ रहे टिड्डियों का खतरा फिलहाल हवा की रूख ने बदल तो दिया है लेकिन यह टिड्डियों का दल इतना खतरनाक है कि जहां बैठ जाता है वहां की पूरी हरियाली को चट कर जाता है।