तालिबान नहीं कर पाएगा अमेरिकी हथियारों का इस्तेमाल, वजह जानकर चौक जाएंगे आप

अमेरिका के राष्ट्रपति बायडेन ने कहा, ” अब, अफगानिस्तान में 20 साल पुरानी हमारी सैन्य मौजूदगी समाप्त हो गयी है।” उन्होंने अफगानिस्तान से समय-सीमा 31 अगस्त) के भीतर सैनिकों की सुरक्षित वापसी के लिये सशस्त्र बलों का धन्यवाद किया। बायडेन ने कहा कि वह मंगलवार को देश को संबोधित करंगे।

उन्होंने कहा, ” अभी के लिये, मैं इतना ही बताना चाहूंगा कि योजना के अनुसार हमारे अभियान को सम्पन्न करने के लिए जमीनी स्तर पर मौजूद सभी ज्वाइंट चीफ तथा हमारे सभी कमांडर ने सर्वसम्मति से सिफारिश की थी। उनका विचार था कि हमारे सैन्य अभियान को पूर्ण करना हमारे सैनिकों के जीवन की रक्षा और आने वाले हफ्तों तथा महीनों में अफगानिस्तान छोड़ने को इच्छुक लोगों की संभावनाओं को सुदृढ़ करने का सबसे बेहतर तरीका है।”

उन्होंने कहा कि पेंटागन ने 14 अगस्त को एयलिफ्ट अभियान शुरू करने के काबुल एयरपोर्ट पर 6 हजार सैनिकों के दस्ते को तैनात किया था और 70 बख्तरबंद गाड़ियों को तैनात किया था।

इन बख्तरबंद वाहनों को काबुल छोड़ने से पहले बेकार कर दिया गया। इन गाड़ियों की कीमत करीब एक मिलियन डॉलर तक हो सकती है। मैकेंजी ने कहा कि वाहनों का इस्तेमाल फिर कभी किसी के द्वारा नहीं किया सकेगा।

आपको बता दें कि करीब 20 साल बाद अमेरिका ने अफगानिस्तान में अपना सैन्य अभियान खत्म कर दिया है। अफगानिस्तान से सैनिक वापसी की 31 अगस्त की डेडलाइन से पहले 30 अगस्त को ही अमेरिकी सैनिकों की आखिरी खेप ने काबुल एयरपोर्ट से उड़ान भरी। इसके बाद काबुल एयरपोर्ट पर तालिबान का नियंत्रण हो गया है।

अमेरिकी सेना ने काबुल हवाई अड्डे से आखिरी उड़ान भरने से पहले वहां मौजूद कई विमानों, बख्तरबंद गाड़ियों और उच्च तकनीक वाले रॉकेट डिफेंस सिस्टम को निष्क्रिय कर दिया। इनसकी जानकारी अमेरिकी सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने दी है।

अमेरिकी सेना के मध्य कमान के प्रमुख जनरल केनेथ मैकेंजी ने कहा कि हामिद करजई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पहले से मौजूद 73 विमानों को अमेरिकी सैनिकों ने वहां से रवाना होने से पहले ही तकनीकी तौर पर बेकार कर दिया था। उन्होंने कहा कि ये विमान फिर कभी उड़ान नहीं भर सकेंगे, कोई भी अब इन विमानों का संचालन नहीं कर सकता है।