सुप्रीम कोर्ट ने दी जगन्नाथ पुरी में रथ यात्रा निकालने की अनुमति, 12 जुलाई को होगा…

खबर के मुताबिक चीफ जस्टिस ने कहा कि इस अनुष्ठान में मैं भी शामिल होता था. लेकिन कोविड-19 को देखते हुए सभी से निवेदन करता हूं कि इस पूजा को ऑनलाइन ही देखें.

 

कोर्ट राज्य सरकार के उस फैसले से भी सहमत है, जिसमें कहा गया है कि पुरी को छोड़कर और कहीं भी रथयात्रा की अनुमति नहीं दी जा सकती. कोर्ट ने कहा कि सरकार ने कोरोना का मूल्यांकन करने के बाद ही ऐसा निर्णय लिया होगा.

इस साल भगवान जगन्नाथ की यह रथ यात्रा 12 जुलाई को निकाली जायेगी. कोविड-19 महामारी को देखते हुए राज्य सरकार ने केवल पुरी में ही रथ यात्रा निकालने की अनुमति दी है.

बता दें कि पहली बार भारत में पाये गये कोरोना के डेल्टा वेरिएंट ने पूरी दुनिया में एक बार फिर से तबाही मचा रखी है. वहीं वैज्ञानिकों को दावा है कि अगस्त महीने में देश में कोरोना की तीसरी लहर भी दस्तक दे सकती है.

पीठ ने कहा कि हम माफी चाहते हैं, हमें बुरा लग रहा है, लेकिन राज्य सरकार द्वारा आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत पारित निर्देशों में हम हस्तक्षेप नहीं करेंगे. ओडिशा के पुरी शहर में भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा एक वार्षिक अनुष्ठान है जिसे देखने के लिए दूर-दूर से लोग पुरी पहुंचते हैं. ओडिशा के कई शहरों में भी रथ यात्रा का आयोजन किया जाता है.

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने ओडिशा में जगन्नाथ पुरी में रथ यात्रा (Puri Jagannath Rath Yatra) निकालने की अनुमति दे दी है. इसके साथ की कोर्ट ने बाकी राज्यों की रथ यात्रा निकालने की अनुमति वाली याचिकाओं को खारिज कर दिया है.

प्रधान न्यायाधीश जस्टिस एन वी रमण (Chief Justice of India) की अध्यक्षता वाली एक पीठ ने पुरी में रथ यात्रा की अनुमति देते हुए कहा कि राज्य सरकारों के आपदा प्रबंधन विभाग के निर्देशों में हस्तक्षेप नहीं कर सकते हैं.