इजरायल के प्रधानमंत्री का बड़ा बयान , कहा – ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर लगाम कसने के…

इजरायल के प्रधानमंत्री नफ्ताली बेनेट ने रविवार को विश्व शक्तियों से अपील करते हुए कहा कि ईरान के परमाणु कार्यक्रम (Nuclear Program) पर लगाम कसने के लिए उसके खिलाफ कड़ा रूख अपनाया जाए.

उन्होंने कहा, ‘मैं वियना में ईरान के साथ बातचीत करने वाले प्रत्येक देश से कड़ा रुख अपनाने और ईरान को यह स्पष्ट करने का आह्वान करता हूं कि वे एक ही समय में यूरेनियम का संवर्धन और बातचीत नहीं कर सकते हैं. ईरान ने जो उल्लंघन किए हैं, उसे उसकी कीमत चुकाना शुरू कर देना चाहिए.’

इससे पहले नफ्ताली बेनेट ने वियना में होने वाली इसी बातचीत को लेकर एक वीडियो पोस्ट किया था. जिसमें उन्होंने विश्व शक्तियों से ‘ईरान के परमाणु ब्लैकमेल के आगे ना झुकने’ का आह्वान किया (Naftali Bennett Blackmail Statement).

बेनेट ने एक वीडियो बयान में कहा कि ईरान के साथ वार्ता शुरू करने वाले राष्ट्रों के प्रतिनिधियों को बताया गया था कि तेहरान ‘लगभग बिना किसी चीज के बदले प्रतिबंधों को समाप्त करना चाहता है’ और प्रतिबंधों को हटाए जाने के बाद सैकड़ों अरबों डॉलर प्राप्त करते हुए अपने परमाणु कार्यक्रम को बरकरार रखना चाहता है.

परमाणु समझौते को फिर से शुरू करने के लिए विश्व शक्तियों की ईरान के साथ वार्ता को लेकर इजरायल चिंतित है. ईरान ने पिछले हफ्ते वियना में वार्ता बहाल होने पर अपने कड़े रूख से पीछे हटने के संकेत दिए और कहा कि पिछले दौर की वार्ता में जो चर्चाएं हुईं थीं, उनपर फिर से बातचीत हो सकती है (Israel on Iran Nuclear Deal).

इसके साथ ही ईरान अपने परमाणु कार्यक्रम की गति धीमी नहीं कर रहा है, जिसका असर वार्ता पर पड़ सकता है. वियना में हुई वार्ता का उद्देश्य ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर फिर से प्रतिबंध लगाना है.

ईरान के साथ 2015 के परमाणु समझौते (Iran Nuclear Deal) का इजरायल विरोधी रहा है और उसका कहना है कि उसके परमाणु कार्यक्रम पर लगाम कसने में यह कारगर साबित नहीं होगा और इजरायल के साथ लगते देशों में ईरान की सेना की संलिप्तता का समाधान भी इससे नहीं होगा. इजरायल वार्ता में शामिल नहीं है लेकिन वार्ता के दौरान इसने यूरोपीय और अमेरिकी सहयोगियों के साथ संवाद कायम रखा है. वार्ता इस हफ्ते फिर शुरू होने की उम्मीद है.