सुशांत केस : सामने आया अब तक का सबसे बड़ा सच, मौत के बाद…किए गए…

दरअसल, इसके पीछे राजनीतिक कारण से ज्यादा भावनात्मक कारण प्रमुख है। बॉलीवुड के अंदरूनी सूत्रों ने बताया कि ‘पद्मावत’ फिल्म का करणी सेना द्वारा विरोध किए जाने के बाद सुशांत ने अपनी सरनेम हटाने तक की बात कह दी थी।

लेकिन आज बिहार की राजनीतिक रंगभूमि में सुशांत ही राजपूतों का सबसे बड़ा कोई चेहरा हैं, जो कथित रूप से बॉलीवुड सिस्टम का शिकार हुए।

राजद के तेजस्वी यादव से लेकर सत्तारूढ़ जेडी-यू के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार तक सभी ने सुशांत के घर पर उपस्थिति दर्ज कराई। लोक जनशक्ति पार्टी के प्रमुख चिराग पासवान ने तो जांच को सीबीआई को सौंपने की भी मांग की थी ऐसे में सवाल यह है कि आखिर क्यों सुशांत की जाति उस राज्य में इतनी महत्वपूर्ण है, जहां इसकी आबादी बमुश्किल 4 फीसदी है?

इसकी झलक यहां के नेताओं की प्रतिक्रियाओं में साफ नजर आती है। अभिनेता की रहस्यमय मौत के बाद से भाजपा सांसद रूपा गांगुली ने हैशटैग ‘सीबीआई फॉर सुशांत’ के साथ कम से कम सौ ट्वीट किए होंगे।

खासखबर पर छपी खबर के अनुसार, सुशांत की जाति वाले लोगों की राज्य में आबादी केवल 4 फीसदी है लेकिन यहां राजपूतों का एक ऐसा प्रभावशाली समुदाय है जो चुनावों पर प्रभाव डालने की ताकत रखता है।

सुशांत की मौत के मामले में जो ‘जस्टिस फॉर सुशांत’ की गुहार लग रही है, इसके बिहार के वर्तमान सामाजिक-राजनीतिक परिप्रेक्ष्य में अहम मायने हैं।