मणिपुर के हालात बेहद खराब , पूर्व सैन्य अधिकारियों ने उठाई आवाज, कहा कोई सुन रहा है…

णिपुर के हालात बेहद खराब बने हुए हैं। जातीय संघर्ष से प्रभावित पूर्वोत्तर राज्य में हिंसा का दौर अभी भी जारी है। अब पूर्व भारतीय सेना प्रमुख जनरल वीपी मलिक (सेवानिवृत्त) ने मणिपुर की स्थिति पर “तत्काल ध्यान” देने का आह्वान किया है।

राज्य में 3 मई से मेतेई और कुकी जनजाति के बीच जातीय संघर्ष चल रहा है। जनरल मलिक ने राज्य में खराब स्थिति पर मणिपुर के एक सेवानिवृत्त वरिष्ठ सैन्य अधिकारी के एक ट्वीट का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और गृह मंत्री अमित शाह को टैग करते हुए “उच्चतम स्तर पर तत्काल ध्यान देने” के लिए कहा।

इससे पहले, राज्य की राजधानी इंफाल के निवासी लेफ्टिनेंट जनरल एल निशिकांत सिंह (सेवानिवृत्त) ने ट्वीट कर राज्य की स्थिति पर चिंता व्यक्त की थी। उन्होंने लिखा कि मणिपुर अब “स्टेटलेस” है। पूर्व सेना अधिकारी ऐसे समय में ध्यान का आह्वान कर रहे हैं जब एक दिन पहले केंद्रीय मंत्री आरके रंजन सिंह के घर में उपद्रवियों ने आग लगा दी थी।

इस पर, पूर्व भारतीय सेना प्रमुख जनरल वीपी मलिक (सेवानिवृत्त) ने लिखा, “मणिपुर से एक सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट जनरल का एक असाधारण दुखद आह्वान। मणिपुर में कानून और व्यवस्था की स्थिति पर उच्चतम स्तर पर तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता है।”

लेफ्टिनेंट जनरल सिंह ने 30 मई को कहा था कि मेइती और चिन-कुकी लोगों के बीच जातीय हिंसा के बीच म्यांमार से “लुंगी पहने हुए” सहित कुछ “300 आतंकवादी” मणिपुर में प्रवेश कर गए हैं। लेफ्टिनेंट जनरल सिंह का “लुंगी-पहने” से मतलब म्यांमार सीमा पर स्थित विद्रोहियों से था। ऐसा माना जा रहा है कि विद्रोही राज्य में हिंसा को भड़का रहे हैं। ये विद्रोही आम नागरिकों की तरह, “लुंगी” पहनते हैं।

लेफ्टिनेंट जनरल एल निशिकांत सिंह ने लिखा, “मैं मणिपुर का एक साधारण भारतीय हूं जो सेवानिवृत्त जीवन जी रहा है। राज्य अब ‘स्टेटलेस’ है। लीबिया, लेबनान, नाइजीरिया, सीरिया, आदि जैसे देशों की तरह कोई भी कभी भी जिंदगी और संपत्ति को नष्ट कर सकता है। ऐसा प्रतीत होता है कि मणिपुर को अपने आप पर छोड़ दिया गया है। कोई सुन रहा है?”