इससे पता चला कि 30 प्रतिशत सांद्रता के एथिल और इसोप्रोपाइल अल्कोहल आधे मिनट में वायरस के एक लाख कणों को मार सकते हैं। अध्ययन के अनुसार, क्लोरीन के साथ डिसइंफेक्टेंट 30 सेकंड के भीतर पूरी तरह से कोरोना वायरस की सतह को साफ कर देते हैं।
कोरोना का वायरस स्टेनलेस स्टील, लिनोलियम, कांच, प्लास्टिक और सिरेमिक सतहों पर 48 घंटे तक सक्रिय रहता है। शोध में पाया गया कि वायरस अस्थिर है और अधिकांश घरेलू कीटाणुनाशक इसके खिलाफ प्रभावी हैं।
इसके साथ ही उबलते तापमान के पानी में कोविड-19 का वायरस पूरी तरह से और तुरंत मारता है। अध्ययन में दिखाया गया है कि वायरस
कुछ स्थितियों में पानी में रह सकता है, लेकिन यह समुद्री या ताजे पानी में नहीं बढ़ सकता है।वैज्ञानिकों का दावा है कि कमरे के तापमान पर रखे पानी में वायरस के 90 प्रतिशत कण 24 घंटे में और 99.9 प्रतिशत कण 72 घंटे में नष्ट हो जाते हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, ये अध्ययन स्टेट रिसर्च सेंटर ऑफ वायरोलॉजी एंड बायोटेक्नोलॉजी वेक्टर द्वारा किया गया है। अध्ययन ने सुझाव दिया कि कोरोना वायरस का रूप स्पष्ट रूप से पानी के तापमान पर निर्भर करता है।
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, रूसी वैज्ञानिकों का कहना है कि कोरोना वायरस पानी में पूरी तरह से नष्ट हो गया है। एक शोध में, वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि पानी 72 घंटों या तीन दिनों के भीतर कोरोना वायरस को पूरी तरह से नष्ट कर सकता है।
कोरोना महामारी ने भारत समेत दुनिया के कई देशों में कहर मचाया हुआ है। दुनिया भर के वैज्ञानिक कोरोना वायरस का टीका तैयार करने में दिन-रात लगे हुए हैं।
इस बीच, रूसी वैज्ञानिकों ने एक बड़ा दावा करते हुए खुलासा किया है कोरोना महामारी को समाप्त किया जा सकता है। हालांकि इसके लिए उसने जो उपाय बताया है, वह समझ से परे है।