उत्तर प्रदेश में कोरोना की दूसरी लहर ने मचाया कोहराम, अस्पतालों में हो रहा ऐसा…

मोहनलालगंज सांसद ने कहा कि इस व्यवस्था के बदले जो लखनऊ में अस्पताल हैं, उन अस्पतालों के लोगों को ही कोरोना मरीजों को सीधे भर्ती करने की जिम्मेदारी दे देनी चाहिए, अगर अस्पतालों के पास बेड खाली हैं, तो वह मरीजों को सीधी भर्ती करने का काम करें और ऐसी व्यवस्था के लागू होने के बाद तमाम मरीजों की जान बच सकती है.

उन्हें इधर-उधर नहीं भटकना पड़ेगा. कौशल किशोर ने प्रशासन से यह आग्रह किया है कि जल्द से जल्द इस व्यवस्था को लागू की जाए, ताकि लोगों की जान बच सके और कोविड-19 के मरीजों को अस्पतालों में भर्ती होने में किसी भी दिक्कत का सामना ना करना पड़े.

गौरतलब है कि इससे पहले भी बीजेपी सांसद ने लखनऊ प्रशासन को आढ़े हाथ लिया था और कहा था कि कोरोना जैसी भीषण महामारी में जिम्मेदार अधिकारियों का फोन बंद बताता है.

वो भी उस समय जब मरीजों को अधिकारियों की सबसे ज्यादा जरूरत है. इससे पूर्व भी एक बार सांसद ने दूसरे चरण में होने वाले लखनऊ पंचायत चुनाव की तिथि को आगे बढ़ाने के लिए राज्य निर्वाचन आयोग से आग्रह किया था.

बीजेपी सांसद कौशल किशोर ने वीडियो जारी करते हुए कहा है कि कोरोना वायरस की बीमारी से जूझ रहे मरीजों को पहले खुद को भर्ती कराने के लिए सीएमओं को बोलना पड़ता है, उसके बाद सीएमओ जब आदेश कंट्रोल रूम को देते हैं, उसके उपरांत कंट्रोल रूम को मरीजों का नाम पता नोट कराने के बावजूद भी कई दिन तक पत्र जारी नहीं किया जाता है. यह व्यवस्था पूरी तरीके से गलत है और इसे रद्द कर देना चाहिए.

इधर, लखनऊ के मोहनलालगंज से बीजेपी सांसद कौशल किशोर लगातार प्रशासन को घेर रहे हैं. बीजेपी सांसद ने कोरोना मरीजों को अस्पतालों में भर्ती किए जाने की प्रक्रिया पर सवाल उठाए हैं. सांसद ने कोविड-19 के अस्पतालों में भर्ती किए जाने की व्यवस्था को गलत बताया है.

उत्तर प्रदेश में कोरोना की दूसरी लहर ने कोहराम मचा रखा है. राजधानी लखनऊ में भी हालात अच्छे नहीं हैं. कोरोना वायरस की महामारी के कारण लखनऊ में हालात बहुत बिगड़ चुके हैं. अस्पतालों में बेड से लेकर ऑक्सीजन तक के लिए मारामारी है.