वैज्ञानिकों के अनुसार अभी सूरज “सौर मिनिमम” के स्थिति में चला गया हैं। जिसके कारण उसकी शक्ति कम होती जा रही हैं। वैज्ञानिकों ने बताया है.
सूर्य के धूप में कमी के सबसे बड़े काल की ओर हम प्रवेश करने के काफी करीब हैं, अगर हम दूसरी भाषा में बोले तो सूर्य में से काले धब्बे लगभग लगभग लुप्त हो गए हैं।
वैज्ञानिकों के अनुसार साल 1790-1830 में सूरज के लॉक डॉउन में चले जाने के कारण बहुत ही आफत भरा समय था। उस समय के काल को “डॉल्टन मिनिमम” नाम दिया गया था। इस समय में जबरदस्त आक़ाल, जबरदस्त ठंड, और शक्तिशाली से शक्तिशाली ज्वालामुखी फटने की घटना सामने आई थीं।
NASA की वैज्ञानिकों को संदेह है कि कहीं वर्तमान में सौर काला के रिकॉर्डिंग पूर्ववर्ती समय के आगमन का संकेत तो नहीं हैं, क्योंकि वर्तमान में सूरज 2020 में भी सपाट ही चुका हैं।
कोरोना वायरस के कारण ना सिर्फ हमलोग लॉक डॉउन में हैं, बल्कि सूरज भी लॉक डॉउन में चला गया हैं। हमलोगो का लॉक डॉउन संक्रमण को रोकना है, जबकि सूरज का लॉक डॉउन हमे आकाल, ठंड और भूकंप जैसे महामारी की संकट में धकेल सकता हैं।