वैज्ञानिकों ने किया बड़ा दावा, कहा कोरोना वायरस से बचने के लिए अब दो साल तक करना होगा ये काम

दुनिया भर में प्रसिद्ध अमेरिका की हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों का यह शोध हाल ही में एक साइंस जर्नल में प्रकाशित हुआ है।

 

हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के डीएचएचएन स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के वैज्ञानिकों का कहना है कि दुनिया को सोशल डिस्टेंसिंग के महत्व को समझना होगा। अगले दो साल तक सामाजिक दूरी के मंत्र का कड़ाई से पालन करना होगा।

वैज्ञानिकों का कहना है कि कोरोना वायरस के खिलाफ जंग का यह पहला चरण है। अगर वायरस को कमजोर होता देखकर लॉकडाउन खुलता है और लोग नियमों की अनदेखी करते हैं.

तो उन्हें यह भी समझना होगा कि यह वायरस फिर से सक्रिय हो सकता है। ऐसी स्थिति में लाखों लोग फिर इस खतरनाक वायरस की चपेट में आ सकते हैं।

वैज्ञानिकों का कहना है कि यदि इस मामले में लापरवाही हुई तो यह वायरस और अधिक घातक और जानलेवा रूप धारण कर लेगा।

शोधकर्ताओं का कहना है कि अमेरिका इन दिनों कोरोना से बुरी तरह प्रभावित है और उसे 2022 तक सोशल डिस्टेंसिंग का सख्ती से पालन करना होगा।

उन्होंने कहा कि वैक्सीन बनने तक किसी भी कीमत पर लापरवाही नहीं बरती जानी चाहिए। दुनिया के अन्य देशों को भी इस बात का ध्यान रखना होगा।

लोगों को समझना होगा कि अभी तक इस वायरस की वैक्सीन नहीं तैयार की जा सकी है और जिस वायरस की वैक्सीन ही ना हो, उसके प्रति लापरवाही भारी पड़ सकती है।

कोरोना समय-समय पर रंग बदलने वाला बेहद खतरनाक वायरस है। इस वायरस से जंग लड़ रही दुनिया को अगले दो साल यानी 2022 तक सोशल डिस्टेंसिंग का कड़ाई से पालन करना होगा।

ऐसा न करने पर यह वायरस खतरनाक ढंग से फिर सक्रिय हो सकता है। यह कहना है हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों का। वैज्ञानिकों ने यह चेतावनी अपने एक नए शोध में दी है।