वैज्ञानिकों ने किया ये बड़ा खुलासा, कहा बचाए शरीर के इस अंग को वरना…

मास्क व दस्ताने पहनकर, चेहरे को छूने से बचकर वायरस से बचा जा सकता है। पहले कयास लगाया जा रहा था की कोरोना आंखों से भी शरीर में घुस सकता है।

 

वैज्ञानिकों ने एक दंग करने वाला खुलासा कर दिया है कि कोरोना आंखों में उपस्थित एस-2 रिसेप्टर के जरिए शरीर में घुस सकता है।

संक्रमित आदमी खांसता या छींकता है तो उससे निकलने वाली बूंदों में उपस्थित वायरस आंखों में उपस्थित एस-2 रिसेप्टर से चिपककर शरीर में फैल सकता है।

अमेरिका के जॉन हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन के आंखों में वायरस के पहुंचते ही संक्रमण की आरंभ हो जाती है।

आंखें लाल होने के साथ उसमें सूजन भी आ सकती है। सबसे बड़ा खतरा ये है कि आंखों में उपस्थित आंसू के जरिए ये वायरस अपना प्रसार भी बढ़ा सकता है।

नेत्र रोग विभाग के डाक्टर लिंग्ली झोहू ने बताया कि इस निष्कर्ष तक पहुंचने केलिए 10 लोगों का पोस्टमार्टम किया गया जिनकी मृत्यु कोरोना से नहीं हुई थी।

इन लोगों के आंखों की जाँच की गई तो पता चला कि आंखों में भी एस-2 रिसेप्टर होते हैं जो कोरोना का सबसे बड़ा वाहक है। वायरस जब यहां पहुंचेगा तो वो रिसेप्टर को निष्क्रिय कर देगा व संक्रमण फैलाने के साथ अपना कुनबा बढ़ाने लगेगा।

आज के समय में बीमारी हो या कोई आपदा दोनों ही मानव ज़िंदगी पर संकट बन ही जाती है। जिसमे से एक है कोरोना वायरस यह एक ऐसी बीमारी है, जिसका अभी तक कोई तोड़ नहीं मिल पाया है।

वहीं इस वायरस की चपेट में आने से 2 लाख 87 हजार से अधिक लोगों की मौते हो चुकी है, जबकि लाखों लोग इस वायरस से संक्रमित हुए है। ऐसे में वैज्ञानिकों के लिए यह बोलना जरा कठिन सा है कि इस बीमारी से कब तक निजात मिल पाएगा।