धरने पर बैठे केजीएमयू के रेजिडेंट डॉक्टर , जानिए क्या है मामला

नीट की काउंसलिंग न होने से खफा केजीएमयू के रेजिडेंट डॉक्टर सोमवार सुबह से धरने पर बैठ गए हैं। इमरजेंसी सेवाओं को छोड़कर ओपीडी एवं वार्ड में कामकाज बन्द कर दिया। संस्थान के मुख्य गेट पर धरना दे रहे डॉक्टरों का कहना है कि जब तक काउंसलिंग की तारीख नही तय हो जाती।

सोमवार की सुबह से ही ओपीडी और वार्डों में जूनियर डॉक्टर नदारद रहे। नए एवं पुराने मरीजों की स्क्रीनिंग करने वाला कोई नही था। जिसकी वजह से मरीजों को दिखाने में काफी वक्त लग रहा है।

उधर, वार्डो में मरीजों की सुनने वाला कोई नही। वार्डों में सिर्फ नर्स के भरोसे मरीज रहे। सीनियर डॉक्टरों के सुबह देखकर चले जाने के बाद इनकी सुध लेने वाला कोई नही पहुंचा। मरीजों के तीमारदार डॉक्टर से सलाह लेने के लिए भटके रहे। कियो ने ओपीडी में जाकर डॉक्टरों से सलाह ली। केजीएमयू में करीब 250 जूनियर रेजिडेंट हैं।

डॉ. अनिकेत रस्तोगी, व डॉ. सिद्धार्थ के मुताबिक मानसिक व शारीरिक उत्पीड़न किया जा रहा है। 20-20 घण्टे काम कराया जा रहा है। कोविड के चलते 20 माह से लगातार कंकर रहे हैं। छुट्टी नही मिल पा रही है। नीट की जल्द काउंसलिंग कराकर नए डॉक्टर आएँ। तब जाकर हमें राहत मिलेगी।