प्राइवेट नर्सिंग होम का घिनौना सच, ऐसे खेल खेलते है डॉक्टर होती है अंधाधुंध कमाई

प्राइवेट नर्सिंग होम के डॉक्टरों की लापरवाही ने एक प्रसूता के कोख में पल रहे बच्चे की जान ले ली। जी हां आपकों बता दे की, ​महिला की ठीक ढंग से डिलीवरी हो इसलिए उसके घर वाले प्राइवेट अस्पताल लाए थे। जहां के डॉक्टर महिला की डिलीवरी तो एक तरफ व उसके पेट में पल रहे बच्चे तक की जान नहीं बचा सके। इतला ही नही पेट में ही बच्चे की मौत हो जाने से महिला की भी हालत काफी गंभीर हो गई है। जिसे तत्काल इलाज के लिए लखनऊ रेफर किया गया है।

ऐसे में सवाल ये खड़ा होता है की, ऐसी में इस प्राइवेट नर्सिंग होम को ​लाइसेस कैसे जारी हुआ और हुआ तो क्या अब घाटन को देखतेे हुए क्या योगी सरकार इस प्राइवेट नर्सिंग होम का लाइसेंस निरस्त करेगी। बता दें मामला पूरा मामला नर्सिंग होम गोंडा का है, जहां कौड़िया थाना क्षेत्र के भैरव पुरवा गांव प्रसूता की डिलीवरी से पहले इलाज में लापरवाही का है। विमलेश अपनी पत्नी की पहली डिलीवरी कराने के लिए उसे नर्सिंग होम लाया था, जहां पहले तो उसे अपनी सारी जांचें कराई और जो भी पैसा अस्पताल की ओर से मांगा गया।

उसको वह अदा करता रहा महिला के काफी देर तक अस्पताल मैं एडमिट रहने के बाद एकाएक अस्पताल के डॉक्टरों ने उसे बताया कि उसकी पत्नी का बीपी हाई हो गया है और उसे जिला अस्पताल रिफर किया जा रहा है, जिसके बाद आनन-फानन में अपनी पत्नी को लेकर जिला अस्पताल आया जहां उसे पता चला की उसकी पत्नी के पेट में पल रहे बच्चे की मौत हो चुकी है इसलिए वह बिना समय गवाएं वह तत्काल अपनी पत्नी को लेकर महिला अस्पताल जाए, महिला को महिला अस्पताल लाने पर जैसे-जैसे-डॉक्टरों ने महिला की डिलीवरी करवाई इस दौरान उसे मरा हुआ बच्चा पैदा हुआ जबकि इस दरमियान महिला की हालत इतनी गंभीर हो चुकी थी कि महिला अस्पताल के डॉक्टरों के पास उसके ट्रीटमेंट का कोई रास्ता नहीं रह गया था।

उसके बाद आनन-फानन में उसे लखनऊ की क्वीन मैरी हॉस्पिटल रिफर कर दिया गया ऐसे में महिला की जान बचेगी या नहीं या तो भगवान जाने लेकिन इतना जरूर है अगर समय रहते नर्सिंग होम के डॉक्टरों ने संवेदनशीलता दिखाई होती तो शायद आज इस महिला का बच्चा भी सुरक्षित होता। अब देखना यह होगा की योगी सरकार क्या कर्यवाई करती है।